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इंश्योरेंस एक प्रोडक्ट होता है, जो कि हर किसी को आसानी से समझ नहीं आता है। इस कारण से कई बार लोग इसमें फ्रॉड का भी शिकार बन जाते हैं। बड़ी बात यह है कि कई बार लोगों को पता भी नहीं लगता कि उनके साथ इंश्योरेंस फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं। आज हम अपनी रिपोर्ट में बताएंगे कि इंश्योरेंस फ्रॉड कितने प्रकार के होते हैं और आप इनसे कैसे बच सकते हैं।

नकली पॉलिसी
जालसाजों की ओर से लोगों को फ्रॉड का शिकार बनाने का ये सबसे आम तरीका है। इसमें जालसाजों द्वारा लोगों को फोन या ईमेल आदि के जरिए ऑनलाइन फेक पॉलिसी बेची जाती है।

एजेंटों द्वारा फ्रॉड
कई बार इंश्योरेंस एजेंटों की ओर से कवरेज, बेनिफिट और प्रीमियम आदि के बारे में गलत जानकारी देकर पॉलिसी को बेचा जाता है।

प्रीमियम को डायवर्ट
इंश्योरेंस एजेंटों की ओर से कई बार ग्राहकों से प्रीमियम को कलेक्ट कर लिया जाता है, लेकिन कंपनी के पास जमा नहीं कराया जाता है। इस प्रकार के फ्रॉड के मामले ज्यादातर पॉलिसी का ऑफलाइन भुगतान करने वाले लोगों के साथ देखने को मिलते हैं।

ब्याज फ्री लोन
पॉलिसी बेचने के लिए कई बार जालसाजों की ओर से ब्याज फ्री लोन का भी वादा ग्राहकों से किया जाता है, जिससे कि पॉलिसी को बेचा जा सके।

फेक क्लेम
कई बार जालसाजों की ओर से पॉलिसी डॉक्यूमेंट में जालसाजी करके क्लेम ले लिया जाता है और असली पॉलिसीधारक को समय आने पर पॉलिसी का कोई लाभ नहीं मिलता है।

अधिक रिटर्न का वादा
अक्सर देखा जाता है कि इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स को जालसाजों की ओर से इन्वेटमेंट प्रोडक्ट्स बताकर बेच दिया जाता है और लोग भी अधिक रिटर्न के लालच में पॉलिसी को खरीद लेते हैं।

इंश्योरेंस फ्रॉड से कैसे बचें?

  • किसी भी प्रकार के इंश्योरेंस फ्रॉड से बचने के लिए आपको थोड़ा सजग रहने की जरूरत है।
  • इंश्योरेंस प्रोडक्ट को खरीदते समय पहले पूरे पेपर पढ़ लेने चाहिए और नियम और शर्तों को भी जान लेना बेहतर रहता है।
  • जिस इंश्योरेंस प्रोडक्ट को खरीद रहे हैं उसके बारे में रिसर्च जरूर करें।
  • अगर कोई थर्ड पार्टी, सेल्सपर्सन या एजेंट आपको पॉलिसी खरीदने के लिए संपर्क कर रहा है, तो आईडी कार्ड देखकर उसे वेरिफाई करें।
  • पॉलिसी भुगतान के लिए ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प को चुनें।

Courtesy: Jagran

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