गांधी नगर में होगा पारंपरिक चिकित्सा पर डब्लूएचओ का पहला वैश्विक शिखर सम्मेलन

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HIGHLIGHTS

  • गुजरात के गांधीनगर में पारंपरिक चिकित्सा पर अब तक का पहला डब्ल्यूएचओ वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा
  • पारंपरिक चिकित्सा पर सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम 17 और 18 अगस्त को आयोजित किया जाएगा
  • पिछले 9 वर्षों में भारत ने पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में 8 गुना वृद्धि दर्ज की है: केंद्रीय आयुष सचिव

आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन 17 और 18 अगस्त 2023 को गुजरात के गांधीनगर में दो-दिवसीय पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने पारंपरिक चिकित्सा पर प्रथम वैश्विक शिखर सम्मेलन से पहले आज गांधीनगर में मीडिया को संबोधित किया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव श्री लव अग्रवाल ने भी मीडिया को संबोधित किया।

केंद्रीय आयुष सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डब्ल्यूएचओ द्वारा गुजरात के जामनगर में स्थापित पारंपरिक दवाओं पर वैश्विक केंद्र, किसी विकासशील देश में पहला ऐसा केंद्र है। उन्होंने यह भी बताया कि डब्ल्यूएचओ 17 और 18 अगस्त, 2023 को गांधीनगर में आयुष मंत्रालय के सहयोग से आयोजित पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा, जो गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा की भूमिका का पता लगाएगा और वैश्विक स्वास्थ्य के साथ-साथ सतत विकास में प्रगति को बढ़ावा देगा।

आयुष में समग्र स्वास्थ्य देखभाल पर एक प्रश्न के उत्तर में वैद्य कोटेचा ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों पर कई प्लेटफॉर्मों पर कई दिशाओं में काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यधारा की स्वास्थ्य देखभाल के साथ-साथ आज आयुष के क्षेत्र में कैंसर, टीबी, संक्रामक रोगों और महिलाओं एवं बच्चों की बीमारियों से वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ निपटने के लिए साक्ष्य आधारित अनुसंधान किया जा रहा है।

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए वैद्य कोटेचा ने कहा, “जी20 पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर है। पिछले 9 वर्षों में भारत ने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में आठ गुना वृद्धि दर्ज की है। वर्ष के अंत तक, देश भर में 12,500 से अधिक आयुष-आधारित स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र सक्रिय होंगे, जिनमें से 8,500 पहले से ही मौजूद हैं।

चर्चा के दौरान वैद्य कोटेचा ने बताया कि आयुष वीजा भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों तक वैश्विक पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा और व्यापक स्वास्थ्य देखभाल के एक नए युग की शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा, शिखर सम्मेलन की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक आयुष प्रदर्शनी क्षेत्र है। यह एक ऐसा आकर्षण है, जिसे देखने से चूकना नहीं चाहिए। यह नवीन और इंटरैक्टिव कियोस्क के साथ एक व्यापक अनुभव प्रदान करने का वादा करता है।

प्रेस वार्ता के दौरान, सचिव आयुष ने पारंपरिक चिकित्सा पर सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम की मेजबानी में भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ के बीच सहयोग की सराहना की। उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा के लिए डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसका उद्घाटन 2022 में किसी भी विकासशील देश में संयुक्त राष्ट्र के पहले और सबसे बड़े पारंपरिक चिकित्सा केंद्र के रूप में किया गया था।

इस दो-दिवसीय कार्यक्रम में 30 देशों के स्वास्थ्य मंत्री शामिल होंगे। यह अपनी तरह की सबसे बड़ी सभाओं में से एक होने की उम्मीद है, जिसमें 90 से अधिक देशों के प्रतिभागी, शिक्षा जगत के प्रतिष्ठित सदस्य, सरकारी प्रतिनिधि और पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र के महत्वपूर्ण हस्तियां एक साथ आएंगे।

श्री लव अग्रवाल ने भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र और इसकी प्रगति के साथ-साथ इसके सामने आने वाली चुनौतियों और इसकी वर्तमान प्राथमिकताओं का अवलोकन प्रस्तुत किया। वर्तमान जी20 की अध्यक्षता भारत के पास होने के साथ, उन्होंने स्वास्थ्य सेवा में देश की ताकत पर प्रकाश डाला और वैश्विक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में इसके योगदान को अधिकतम करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

श्री लव अग्रवाल ने विश्व कल्याण में भारत के योगदान की सराहना की। उन्होंने कई उन योग केंद्रों की ओर ध्यान आकर्षित किया जो दुनिया के दूर-दराज के क्षेत्रों में खुल रहे हैं, जो उनकी स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का दृष्टिकोण आधुनिक और आयुष चिकित्सा के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य देखभाल है।

 

National International News Network (NIN Network)

https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1949520

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