हिंदूओं के खिलाफ नफरत फैलाने वाले उदयनिधि के बयान पर 262 जानेमाने लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की मांग की

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HIGHLIGHTS

  • उदयनिधि स्टालिन के बयान पर सुप्रीम कोर्ट से दखल की मांग
  • 262 शख्सियतों ने सुप्रीम कोर्ट को लिखा पत्र
  • पत्र में शीर्ष अदालत से मामले का स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध

तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के सनातन धर्म (Sanatan Dharma) पर दिए बयान पर विवाद गहराता जा रहा है। अब 262 शख्सियतों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को पत्र लिखकर मामले में दखल देने का अनुरोध किया है। उदयनिधि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं।

गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी। उन्होंने कहा था कि जिस तरह डेंगू और मलेरिया का विरोध नहीं किया जा सकता, उसे खत्म करना पड़ता है। उसी तरह सनातन धर्म का केवल विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे खत्म करना चाहिए।

भारत की 262 प्रतिष्ठित हस्तियों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उदयनिधि स्टालिन के भाषण का स्वत संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि उदयनिधि स्टालिन द्वारा दिए गए नफरत भरे भाषण का स्वत: संज्ञान लिया जाए। यह भाषण सांप्रदायिक हिंसा को भड़का सकता है।

जिन 62 शख्सियतों ने सीजेआई को पत्र लिखा है, उसमें तेलंगाना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली, झारखंड, राजस्थान, इलाहाबाद, पंजाब और हरियाणा, मध्य प्रदेश , उत्तराखंड और सिक्किम के पूर्व जज शामिल हैं। इसके साथ ही, पूर्व विदेश सचिव, यूपी के पूर्व डीजीपी, भारत सरकार के पूर्व सचिव, पूर्व रॉ प्रमुख, सीवीसी के पूर्व सचिव, पंजाब, यूपी, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव शामिल हैं।

उदयनिधि के बयान से चेन्नई से लेकर दिल्ली तक बवाल मच गया है। भाजपा ने बयान की कड़ी निंदा करते हुए माफी की मांग की है। इसके साथ ही, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और शरद पवार जैसे विपक्षी नेताओं से मामले में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।

हालांकि, उदयनिधि स्टालिन अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। मैं अपने बयान पर दृढ़ता से कायम हूं। मैं किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार हूं।

Agencies

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