सनातन धर्म (Sanatana Dharma) की तुलना डेंगू और मलेरिया से करने वाले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। मुंबई की मीरा रोड पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए के तहत मामला दर्ज किया है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले तमिलनाडु के खेल और युवा मामलों के मंत्री के खिलाफ दिल्ली के एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ ‘एफआईआर’ की मांग की थी।
यूपी-बिहार सहित कई राज्यों में मामले दर्ज
बता दें कि देश के कई राज्यों में उदयनिधि के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। दिल्ली, यूपी, बिहार, कर्नाटक समेत कई राज्यों में सनातन धर्म को मानने वाले लोगों ने धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने के लिए डीएमके नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए। उत्तर प्रदेश के रामपुर में तो उदयनिधि स्टालिन के साथ-साथ प्रियांक खरगे के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया।
चेन्नई के कामराजार एरिना में शनिवार (2 सितंबर) को ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ के आयोजन में हिस्सा लेते हुए उदयनिधि स्टालिन ने ये विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म का केवल विरोध नहीं बल्कि उसे खत्म करना चाहिए।
भाजपा ने इस बयान के जरिए विपक्ष को घेरा
उदयनिधि स्टालिन के इस बयान पर भाजपा ने डीएमके और विपक्षी गठबंधन आई.एन.डी.आई.ए. को आड़े हाथों लिया है। इस बयान के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पीएम मोदी ने भाजपा नेताओं से इस मुद्दे पर विपक्षी दलों से सवाल पूछने के लिए कहा। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि इस बयान से विपक्ष बैकफुट पर आ चुका है। वहीं, अमित शाह ने कहा कि तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति करने के लिए इन लोगों ने ‘सनातन धर्म’ का अपमान किया है।”
इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं के राय अलग
एक तरफ जहां, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे, डीएमके के नेता ए राजा और और राजद के सांसद मनोज झा ने इस बयान पर उदयनिधि स्टालिन का समर्थन किया है। वहीं, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और संजय राउत जैसे नेताओं ने बयान का गलत बताया है