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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने चार दिन पहले पूरे प्रदेश के एसएसपी के साथ कानून व्यवस्था संबंधित बैठक की थी। बैठक के दौरान सीएम ने निर्देश दिए थे कि अपने अपने जिले की तेज तर्रार महिला पुलिस कर्मियों को बड़ी और अहम जिम्मेदारी भी दें। इसमें थाने और चौकी का प्रभारी बनाया जाना था।

इसी के चलते शुक्रवार को एसएसपी डा. ओपी सिंह ने अब तक मुजरिया प्रभारी निरीक्षक की कमान संभाल रहे दिनेश कुमार शर्मा का स्थानांतरण बरेली होने के बाद महिला एवं बाल सुरक्षा प्रभारी रेनू देवी को मुजरिया थाना प्रभारी निरीक्षक बनाया है।

पहली महिला निरीक्षक बनीं रेनू
सीएम के आदेश के बाद एसएसपी ने जिले की महिला निरीक्षकों और उप निरीक्षकों की सूची निकलवाई। जिसमें निरीक्षक रेनू देवी ही ऐसी थीं जो पहले महिला थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुकी थीं। बता दें कि यह जिले में पहली बार है कि जब किसी महिला निरीक्षक को महिला थाने के अलावा किसी अन्य थाने की जिम्मेदारी दी गई हो। शुक्रवार शाम को ही रेनू देवी ने मुजरिया पहुंच कर थाने की जिम्मेदारी संभाल ली है।

रेनू देवी ने कही ये बात
रेनू देवी ने बताया कि महिला थाने की जिम्मेदारी संभाली है। यह एकदम अलग अनुभव है। उन्होंने आमजन को भरोसा दिया कि वह पूरी जिम्मेदारी से पद का निर्वहन करेंगी और कानून व्यवस्था बनाकर रखेंगी। उपनिरीक्षकों के किए तबादले एसएसपी डा. ओपी सिंह ने देर रात एक निरीक्षक और दस उपनिरीक्षकों के तबादले कर दिए। इसमें निरीक्षक अरविंद कुमार को पुलिस लाइन से अपना पीआरओ बनाया है।

इनको मिली नई कमान
इसके अलावा लालपुल चौकी इंचार्ज वारिश खान को कादरचौक थाने की मोहम्मदगंज चौकी, सचिन शर्मा को पुलिस लाइन से छह सड़का पुलिस चौकी, नितिन शर्मा को पुलिस लाइन से चौकी बिल्सी कस्बा, सोमवीर सिंह को पुलिस लाइन से छह सड़का चौकी इंचार्ज बनाया गया है।

इसके अलावा प्रणव कुमार को बिल्सी से दातागंज, नाजिर अली को मुजरिया से उघैती, वीर सिंह को मुजरिया से फैजगंज बेहटा, विजय गुप्ता को उझानी से जरीफनगर चौकी प्रभारी नाधा, कृपाल सिंह को कादरचौक थाने से मुजरिया, बृह्म सिंह को हजरतपुर से मुजरिया भेजा है।

कई निरीक्षकों का होना है गैर जनपद तबादला
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए शासन के निर्देश है कि जिले में लंबे समय से टिके या पहले कोई चुनाव करा चुके निरीक्षक और उपनिरीक्षक जिले में नहीं रहेंगे। ऐसे में जिले के तकरीबन 40 ऐसे निरीक्षक हैं जो कम से कम एक चुनाव करा चुके हैं और तीन साल से अधिक समय यहां बिता चुके हैं। उन सभी का तबादला होना तय है। इसी तरह कई उपनिरीक्षकों का भी तबादला होने वाला है।

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