कभी जरायम की दुनिया का बादशाह कहा जाने वाला मुख्तार अंसारी अब दया के लिए हाथ जोड़कर विनती कर रहा है, लेकिन उसकी पुरानी करतूतों को देखकर कोई भी नरमी नहीं बरत रहा। ऐसा ही गैंगस्टर के मामले में सुनवाई के दौरान एमपी-एमएल कोर्ट में हुआ।
कोर्ट ने मुख्तार अंसारी से कहा कि आप पर गैंगस्टर दोष सिद्ध हो चुका है। इसपर क्या कहना चाहते हैं। न्यायाधीश का यह वाक्य सुनकर वीडियो कांफ्रेंसिंग से उपस्थित मुख्तार अंसारी हाथ जोड़कर अपनी उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए विनती करने लगा कि मुझे कम से कम सजा सुनाई जाए।
हांलाकि इसके बाद अपने फैसले में कोर्ट ने सबसे अधिकतम सजा दस वर्ष की सुनाई। अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट अरविंद मिश्रा शुक्रवार की दोपहर 12 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग हाल में पहुंचे। दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं।
मुख्तार ने अपनी उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए कम सजा सुनाने की विनती की तो वहीं उसके अधिवक्ता लियाकत अली ने भी कम सजा देने का अनुरोध किया।
अभियाेजन पक्ष के सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने पिछले पांच मामले में सजा होने व मुख्तार के गैंग का हवाला देते हुए कहा कि यह गंभीर प्रवृति के अपराधी हैं। इन्हें अधिक से अधिक सजा दी जाए।
15 मिनट तक न्यायाधीश ने दलील सुनी और उसके बाद यह कहकर अपने चैंबर में चले गए कि तीन बजे फैसला सुनाया जाएगा। अपर सत्र न्यायाधीश तीन बजे दोबारा वीडियो कांफ्रेंसिंग हाल में पहुंचे और अपना जजमेंट सुनाते हुए करीब 3:35 बजे मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर में अधिकतम दस वर्ष की सजा सुनाई।