नौ घंटे तक बंधक बना रहा यूपी गेट, पुलिस ने देर रात बल प्रयोग कर कराया खाली; कई प्रदर्शनकारी हिरासत में

धरना की वजह से यूपी गेट पर राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ की दिल्ली जाने व आने वाली सर्विस रोड और यूपी गेट फ्लाईओवर के नीचे की दोनों लेनों पर आवागमन पूरी तरह से बंद रहा। राष्ट्रीय राजमार्ग-नाै और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की फ्लाईओवर के ऊपर की सभी लेनों पर आवाजाही समान्य रही। रात करीब पौने ग्यारह बजे सभी रास्तों पर आवागमन समान्य हो गया।

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गाजियाबाद। किसान आंदोलन के लिए अखाड़ा बना यूपी गेट रविवार को एक बार फिर प्रदर्शनकारियों का अड्डा बनता दिखाई दिया। जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय जा रही राष्ट्र रक्षा रैली के सदस्यों को जब दिल्ली में प्रवेश नहीं मिला तो उन्होंने एनएच-9 को ही धरनास्थल में तब्दील कर लिया।

पुलिस ने देर रात बल प्रयोग कर कराया खाली
यूपी गेट पर प्रदर्शनकारियों के तंबू गाड़कर बैठने के एलान के बाद पुलिस ने देर रात पानी की बौछार कर उन्हें हटाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं हटे। इसके बाद हल्का बल प्रयोग कर पुलिस ने धरना दे रहे लोगों को यूपी गेट से हटा दिया। कई लोगों को हिरासत में लिया गया।

करीब नौ घंटे तक आवागमन रहा बंद
इस बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ की दिल्ली जाने व आने वाली सर्विस रोड और यूपी गेट फ्लाईओवर के नीचे की दोनों लेन पर करीब नौ घंटे तक आवागमन पूरी तरह से बंद रहा। एनएच-9 और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की फ्लाईओवर के ऊपर की सभी लेन पर आवाजाही सामान्य रही।

रविवार को जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी के नेतृत्व में राष्ट्र रक्षा रैली के सदस्य कौशांबी के केबीसी बैंक्वेट हाल में एकत्र हुए।

सुबह आठ से दिन में डेढ़ बजे तक यहां पर बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों के लोग पहुंच गए थे। इसके बाद यहां से सभी लोग बस में बैठकर प्रधानमंत्री कार्यालय, दिल्ली जाने के लिए रवाना हुए, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें यूपी गेट पर ही रोक लिया और दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया।

जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर ये लोग प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर अपना मांग पत्र सौंपना चाहते थे। दिल्ली पुलिस ने जब इन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया तो इन लोगों ने यूपी गेट पर ही एनएच-9 की दिल्ली जाने व आने वाली लेन और फ्लाईओवर के नीचे की दोनों लेन पर बैठकर धरना देना शुरू कर दिया।

पुलिस की हर कोशिश रही नाकाम
पुलिस अधिकारियों ने रात करीब आठ बजे तक धरना दे रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन सभी कोशिशें विफल रहीं। यही नहीं, पुलिस ने दबाव बनाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और बसों को भी बुलाने के साथ ही अग्निशमन विभाग की गाड़ियां तैनात कर दीं, लेकिन, धरना दे रहे लोग यूपी गेट पर डटे रहे। धरना दे रहे लोगों ने एलान किया कि यदि उन्हें जबरन हटाया गया तो वे अनशन पर बैठ जाएंगे। इसके लिए सोशल मीडिया को भी प्रचार का माध्यम बनाया गया।

यूपी गेट को अखाड़ा बनता देख पुलिस ने बदली रणनीति
किसान अंदोलन के दौरान मुंह की खा चुकी पुलिस ने इस आंदोलन को भी उसी राह पर जाता देख देर रात अपनी रणनीति बदल दी। रात करीब नौ बजे के बाद अचानक अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर पहले प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की गई। इसके साथ ही उन्हें एनएच-9 की सर्विस लेन को खाली करने की चेतावनी दी गई।

इस पर भी जब प्रदर्शन कर रहे लोग नहीं हटे तो पुलिस ने रात करीब 10 बजे से हल्का बल प्रयोग करते हुए जबरन हटना शुरू कर दिया। धरनारत लोगों ने विरोध किया तो पुलिस ने लाठियां फटकारी। लोगों को पकड़-पकड़कर बसों में बैठाया। महिला पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को जबरन हटाया।

इस दौरान तमाम प्रदर्शनकारी मौके पर लेट गए तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें लादकर बसों में बैठाया। रात करीब 11 बजे तक धरना स्थल पर लाए गए बिस्तर, दरी आदि सभी सामान को अपने कब्जे में कर लिया। इसके बाद तमाम धरनारत लोग अपनी बसों से ही वापस भी हो गए। पुलिस के उच्चाधिकारियों का कहना है कि धरनास्थल से हटाए गए लोगों को पुलिस लाइन में रखा गया है।

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