भाजपा ने बनाया विष्णुदवे साय को छत्तीसगढ़ का नया मुख्यमंत्री, आइए जानते हैं उनकी राजनीतिक यात्रा की कहानी

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रचंड दर्ज की है। राज्य में भाजपा की जीत के बाद लंबे समय से मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए जारी मंथन रविवार को थम गया। पार्टी ने विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) को राज्य की कमान सौंप दी है। साय कुनकुरी विधानसभा सीट से विधायक हैं। विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के अपने सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी यूडी मिंज को 25541 वोटों के अंतर से मात दी है। विष्णुदेव साय को चुनाव में 87604 वोट मिले हैं।

संभाल चुके हैं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कमान
कुनकुरी से आने वाले विष्णुदेव साय आदिवासी समाज से आते हैं। भाजपा ने साल 2020 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था। छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री बनने वाले विष्णुदेव साय चार बार सांसद, दो बार विधायक, केंद्रीय राज्य मंत्री और दो बार प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा उन्हें संगठन में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है।

संघ के करीबी नेताओं में भी होती है साय की गिनती
साय की गिनती संघ के करीबी नेताओं में भी होती है। वह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेहद करीबी भी माने जाते हैं। साल 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था। मालूम हो कि राज्य में अजित जोगी के बाद कोई भी दूसरा आदिवासी समुदाय से मुख्यमंत्री नहीं बना था।

किसान परिवार में हुआ था जन्म
विष्णु देव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को जशपुर जिले के बगिया गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई कुनकुरी स्थित लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल से की है। साय का राजनीतिक कैरियर सरपंच के तौर पर शुरू हुआ। जहां वे बगिया गांव के निर्विरोध सरपंच चुने गए।

25 हजार से ज्यादा वोट से जीता चुनाव
विष्णुदेव साय कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने 25,541 वोट के अंतर से यह चुनाव जीता है। विष्णुदेव साय को चुनाव में 87604 वोट मिले हैं। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ की 90 में से 54 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस महज 35 सीटों पर ही सिमट गई।

सरपंच के तौर पर शुरू किया था अपना राजनीतिक करियर
छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय साल 1990 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिलक की, जिसके बाद वे 1998 तक विधायक रहे। वहीं 1999 में उन्होंने पहला लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। विष्णुदेव साय साल 2004 में फिर से दोबारा सांसद चुने गए। इसके बाद 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बने। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें इस्पात और खनन मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया। वे कांग्रेस सरकार में भी विभिन्न समितियों के सदस्य रह चुके हैं। मालूम हो कि देव ने आपना राजनीति में करियर एक सरपंच के तौर पर शुरू किया था।

दो बार रह चुके हैं प्रदेश अध्यक्ष
विष्णु देव साय को साल 2006 में छत्तीसगढ़ का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। वहीं, 2011 में वे दोबारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। 8 जुलाई 2023 को उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय कार्य समिति का सदस्य बनाया गया। राज्य के बड़े आदिवासी चेहरों में शुमार साय की आदिवासी समुदाय में भी बहुत अच्छी पैठ है।

राजनीतिक परिवार से आते हैं विष्णुदेव साय
मालूम हो कि राज्य के होने वाले अगले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके दादा स्वर्गीय बुधनाथ साई 1947 से 1952 तक मनोनीत विधायक थे। उनके बड़े पिता जी यानी उनके पिता के बड़े भाई स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साई जनसंघ के सदस्य थे और 1962-67 और 1972-77 तक दो बार विधायक रहे। वह 1977-79 तक एक बार संसद के रूप में भी चुने गए और जनता पार्टी सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।

Agencies

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