HIGHLIGHTS
- पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है।
- इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु संग धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
- ज्योतिषियों की मानें तो पौष पुत्रदा एकादशी पर दुर्लभ ब्रह्म योग समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं।
Pausha Putrada Ekadashi 2024: पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष पौष पुत्रदा एकादशी 21 जनवरी को है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु संग धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। एकादशी व्रत करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो पौष पुत्रदा एकादशी पर दुर्लभ ब्रह्म योग समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं शुभ योग जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 20 जनवरी को संध्याकाल 07 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी और 21 जनवरी को शाम में 07 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। साधक 21 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रख सकते हैं। वहीं, 22 जनवरी को सुबह 07 बजकर 14 मिनट से लेकर 09 बजकर 21 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो पौष पुत्रदा एकादशी पर दुर्लभ ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शुक्ल योग के बाद हो रहा है। शुक्ल योग का निर्माण सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक हो रहा है। इसके पश्चात, ब्रह्म योग का संयोग बनेगा। इस योग का निर्माण पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के पारण करने तक हो रह है। इसके अलावा, देर रात द्विपुष्कर योग का भी निर्माण होगा। इन योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर
- सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 51 मिनट पर
- चन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 50 मिनट पर
- चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 28 मिनट पर
पंचांग
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 18 मिनट से 03 बजकर 01 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 48 मिनट से 06 बजकर 15 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक
अशुभ समय
- राहुकाल – शाम 04 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 51 मिनट तक
- गुलिक काल – शाम 03 बजकर 12 मिनट से 04 बजकर 31 मिनट तक
- दिशा शूल – पश्चिम
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