Drishti 10 Starliner Drone समुद्र से आकाश तक भारत की सुरक्षा को चाकचौबंद करने के लिए भारतीय नौसेना जल्द ही पहले स्वदेश निर्मित स्टारलाइनर ड्रोन ‘दृष्टि-10’ को अपने सुरक्षा बेड़े में शामिल करने जा रहा है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने बीते दिन दृष्टि 10 ‘स्टारलाइनर’ मानव रहित ड्रोन को हरी झंडी भी दिखाई।
इस ड्रोन की हर कोई तारीफ कर रहा है। आखिर यह क्यों इतना खास है, आइए जानते हैं…
स्वदेशी निर्मित है ड्रोन
Drishti 10 Starliner Drone स्वदेशी निर्मित है। इसे अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने इजरायल की मदद से स्वदेश में ही विकसित किया है। इसके 70 फीसद उपकरण स्वदेश में ही बने हैं। अदाणी एयरोस्पेस ने इस ड्रोन को नौसेना से समझौते के तहत 10 महीने में ही सौंप दिया है।
STANAG 4671 प्रमाणित है ये ड्रोन
इस ड्रोन को STANAG 4671 सर्टिफिकेट भी मिला हुआ है। इसके चलते यह नाटो सदस्यों के हवाई क्षेत्र में भी संचालित हो सकता है।
पाक-चीन की खैर नहीं
नौसना प्रमुख ने ड्रोन को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि हिंद महासागर से लेकर अरब सागर में समुद्री जहाजों पर लगातार ड्रोन हमले बढ़ रहे हैं, ऐसे में चुनौतियों की पहचान कर उन्हें पहले ही ध्वस्त करने में दृष्टि-10 अहम भूमिका निभाएगा। चीन और पाकिस्तान के पास बड़ी संख्या में यूएवी हैं, ऐसे में ये ड्रोन अब उनकी मुसीबत बढ़ाने वाला है।
Drishti 10 Starliner Drone की प्रमुख खासियत
मौसम चाहे कैसा भी हो, ये ड्रोन 36 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है।
450 किलोग्राम पेलोड वाली क्षमता का यह ड्रोन उन्नत खुफिया, निगरानी और टोही प्लेटफार्म प्रदान करता है।
1000 मील तक लगातार उड़ान में हर तरीके की चुनौतियों की निगरानी कर सकता है।
खतरों की पहचान कर उस पर पहले ही धावा बोलने में भी सक्षम है यह ड्रोन
यह मानव रहित ड्रोन समुद्री सुरक्षा के बदलते दौर में नौसेना की क्षमता बढ़ाएगा
पोरबंदर में होगी तैनाती
स्टारलाइनर ड्रोन ‘दृष्टि-10’ को पोरबंदर नौसेना बेस पर अगले महीने तैनात किया जाएगा। इसे नागरिक और अलग हवाई क्षेत्र दोनों में उड़ान भरने के लिए मंजूरी दे दी गई है। ड्रोन को अब नौसेना के समुद्री अभियानों में शामिल करने के लिए हैदराबाद से पोरबंदर ले जाया जाएगा।
Agencies