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बेतिया। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष नंदन कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि बिहार के शिक्षकों की सुप्रीम कोर्ट में बहुत बड़ी जीत हुई है। बिहार सरकार को जोरदार झटका लगा है। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के पक्ष में उच्च न्यायालय पटना द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती देते हुए शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किया था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

शिक्षकों की सैलरी काटने का मामला
मामला स्कूलों के मनमाने निरीक्षण से संबंधित है। वर्ष 2016 में शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने संयुक्त रूप से आदेश जारी कर स्कूलों की जांच में जीविका दीदियों को लगा दिया था और 75 प्रतिशत से कम छात्रोपस्थित पाए जाने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के वेतन से 50 प्रतिशत तक कटौती करने का आदेश दे दिया था।

इसी मामले को लेकर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष नंदन कुमार ने उच्च न्यायालय पटना के समक्ष इस आदेश को चुनौती दी थी।

मूल्यांकन कार्य से मुक्त रहेंगे नियोजित शिक्षक
नियोजित शिक्षक शिक्षिकाओं को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए 26 फरवरी से सक्षमता परीक्षा आयोजित होगी, जिसका संचालन आगामी 06 मार्च तक किया जाएगा। प्रतिदिन अलग-अलग शिक्षक अपनी सक्षमता परीक्षा देंगे।

नियोजित शिक्षकों के सक्षमता परीक्षा में शामिल होने को लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने उन्हें तीन दिन मूल्यांकन कार्य से मुक्त करने का आदेश दिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजें गाइडलाइन में बोर्ड ने कहा है कि इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा का मूल्यांकन 24 फरवरी से शुरू हो चुका है, जो आगामी 04 मार्च तक संचालित होना है।

मैट्रिक परीक्षा का मूल्यांकन एक मार्च से शुरू होना है। इसी बीच सक्षमता परीक्षा भी आयोजित हो रही है। इसे देखते हुए मूल्यांकन कार्य में शामिल शिक्षकों को परीक्षा के एक दिन पहले से लेकर एक दिन बाद तक के लिए इस कार्य से मुक्त किया जा सकता है।

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