प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्याकुमारी में शुरू की 45 घंटे की ध्यान साधना, धोती पहने और शाल ओढ़े भगवती अम्मन मंदिर में की पूजा-अर्चना

0
74

PM Modi meditation in Kanyakumari) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार शाम से देश के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना शुरू की।

पंजाब के होशियारपुर में चुनावी रैली को संबोधित करने के बाद पीएम हेलीकॉप्टर से सीधे कन्याकुमारी पहुंचे और फिर भगवती अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना की। उसके बाद वह नौका पर सवार होकर तट से करीब 500 मीटर दूर समुद्र में चट्टान पर स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचे और ध्यान शुरू किया जो एक जून तक चलेगा।

पीएम मोदी ने की अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना
मालूम हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ की गुफा में ध्यान लगाया था। इससे पूर्व दोपहर बाद धोती और सफेद शाल ओढ़े मोदी ने अम्मन मंदिर में प्रार्थना की और गर्भगृह की परिक्रमा की। पुजारियों ने एक विशेष आरती की और उन्हें मंदिर का प्रसाद दिया, जिसमें एक शाल और मंदिर के मुख्य देवता की एक फ्रेमयुक्त तस्वीर शामिल थी।

पीएम मोदी ने शुरू किया ध्यान
इसके बाद मोदी रॉक मेमोरियल पहुंचे और ‘ध्यान मंडपम’ में अपना ध्यान शुरू किया। ध्यान शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी कुछ देर के लिए मंडपम की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर खड़े रहे, वहां से स्मारक के चारों ओर से समुद्र का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है। एक जून को ध्यान समाप्ति के बाद कन्याकुमारी से प्रस्थान करने से पहले मोदी संभवत: स्मारक के बगल में स्थित तमिल कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा देखने भी जाएंगे।

सुरक्षा में लगे 2,000 पुलिसकर्मी
इस बीच, स्वामी विवेकानंद के नाम पर बने प्रसिद्ध स्मारक पर मोदी के 45 घंटे के ध्यान लगाने के कार्यक्रम के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 2,000 पुलिसकर्मियों के साथ-साथ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं। यही नहीं, भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना भी समुद्री सीमाओं पर निगरानी बनाए रखे हुए हैं।

स्वामी विवेकानंद की याद में बनाया गया है स्मारक
यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री स्मारक पर ठहरेंगे। यह स्मारक स्वामी विवेकानंद की याद में ही बनाया बनाया गया है, जिन्होंने देशभर का दौरा करने के बाद 1892 के अंत में समुद्र के अंदर इन चट्टानों पर तीन दिन ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था।

Agencies

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here