‘पंचायत 3’ के ‘बनराकस’ दुर्गेश कुमार बोले- मैं डायरेक्टर्स के पैरों में गिर जाता था, दो बार गुजरा हूं डिप्रेशन से

'पंचायत 3' में सचिव जी और प्रधान जी से दिल से दुश्मनी निभाने वाले भूषण यानी बनराकस का किरदार निभाने वाले दुर्गेश कुमार ने अपने स्ट्रगल की कहानी सुनाई है। उन्होंने बताया कि 11 साल में वो दो बार डिप्रेशन में जा चुके हैं और जिंदा रहने के लिए सॉफ्ट पोर्न में एक्टिंग करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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ओटीटी पर वेब सीरीज ‘पंचायत 3’ का हर किरदार बेहद खास हैं। प्रधान जी से लेकर सचिव जी, दीपक, रिंकी, बनराकस, बिनोद, जगमोहमन, जगमोहन की अम्मा जैसे हर किरदार ने लोगों को इस कदर गुदगुदाया है कि इस वक्त हर किसी की जुबान पर इसी सीरीज का नाम है। इस सीरीज में जितेंद्र कुमार और नीना गुप्ता स्टारर सीरीज में भूषण के किरदार में नजर आनेवाले दुर्गेश कुमार यानी बनराकस ने अपने किरदार से खूब दिल जीता, जहां वो हर वक्त ‘फुलेरा’ गांव का प्रधान बनने के लिए नया-नया तिकड़म लगाता रहता है। ‘पंचायत 3’ में नजर आए बनराकस यानी दुर्गेश ने बताया है कि यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान नहीं रहा है। उन्होंने बताया कि लाइफ में उन्होंने दो बार डिप्रेशन झेला है और काफी स्ट्रगल किया है।

दुर्गेश कुमार दरभंगा से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने ‘द लल्लनटॉप’ को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘एक एक्टर बनने के लिए आपको मनोवैज्ञानिक, शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से तैयार होना पड़ता है। मैं 11 साल में दो बार डिप्रेशन का शिकार हो चुका हूं। जब तक आप मनोवैज्ञानिक, आर्थिक और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं तब तक कृपया एक्टिंग फील्ड में न आएं। मैं इस बारे में पूरी ईमानदारी से बात कर रहा हूं।’

‘ये सभी आधे पागल लोग हैं, कोई भी इस बात को नहीं बताता’
दुर्गेश ने उन युवाओं को सलाह भी दी जो एक्टिंग इंडस्ट्री से अनजान हैं और फिल्मों में करियर बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘ये कोशिश करने की जगह नहीं है। ये जगह पागल लोगों से भरी हुई है। आज आप जितने भी सफल लोगों को देखते हैं, जिनमें मनोज बाजपेयी और पंकज त्रिपाठी शामिल हैं, जो नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में मेरे सीनियर थे या फिर नवाजुद्दीन सिद्दीकी, ये सभी आधे पागल लोग हैं, कोई भी इस बात को नहीं बताता।’

कास्टिंग निर्देशकों के पैरों पर गिरना पड़ा था
उन्होंने आगे बताया कि कैसे ‘हाईवे, सुल्तान और फ्रीकी अली जैसी फिल्मों में अभिनय करने के बावजूद उन्हें भूमिका पाने के लिए कास्टिंग निर्देशकों के पैरों पर गिरना पड़ा था।

‘पंचायत सीजन 1 में सिर्फ एक दिन की भूमिका मिली थी’
उन्होंने कहा, ‘मेरे दोस्तों ने मुझे लोगों के पैरों पर गिरने के लिए गाली देना शुरू कर दिया। मैंने कहा- किसी भी कीमत पर मैं इसे पास करना चाहता हूं। इस तरह का स्ट्रगल और डेडिकेशन इंडस्ट्री में जिंदा रहने के लिए है। फिल्मों में काम करने के बाद रैंडम ऑडिशन के लिए बाहर जाना शर्मनाक लगता है, खासकर जब कास्टिंग डायरेक्टर आपको पहचानते हैं। मुझे पंचायत सीजन 1 में सिर्फ एक दिन की भूमिका मिली थी। मैंने सिर्फ 2.5 घंटे शूटिंग की। मैं चंदन कुमार और दीपक कुमार मिश्रा का वास्तव में आभारी हूं जिन्होंने बनराकस की भूमिका लिखी। मैं खुश हूं। मैं इरफान या नवाजुद्दीन नहीं हूं, मैं एक औसत एक्टर हूं, जिसमें जीवित रहने की प्रवृत्ति है।’

साल 2013-22 तक दिए गए हर ऑडिशन में असफल रहे
इम्तियाज अली की 2014 की फिल्म ‘हाईवे’ में काम कर चुके दुर्गेश कुमार ने ये भी बताया कि जिंदा रहने के लिए सॉफ्ट पोर्न में एक्टिंग करने के लिए मजबूर होना पड़ा। डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्गेश साल 2013-22 तक दिए गए हर ऑडिशन में असफल रहे। कास्टिंग डायरेक्टर कहते थे कि आपके पास टैलेंट है लेकिन ऑडिशन काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पैसों के लिए उन्हें सॉफ्ट पोर्न में एक्टिंग करनी पड़ी। एक्टर ने कहा, ‘मैं एक्टिंग के बिना नहीं रह सकता। मैंने हर वो काम किया जो मेरे पास आया क्योंकि मुझे अपनी क्षमताओं पर भरोसा था।’

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‘पंचायत’ के बाद अब उन्हें काम मिल रहा है
दुर्गेश, हाल ही में ‘लापता लेडीज़’ और ‘भक्षक’ में भी नजर आए थे और ‘पंचायत सीज़न 2’ में उन्हें जबरदस्त पॉप्युलैरिटी मिली। दुर्गेश का कहना है ‘पंचायत’ के बाद अब उन्हें काम मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘कोई भी हमें मार-धाड़ वाले शो (एक्शन जॉनर) में नहीं लेता। कम से कम कॉमेडी के साथ हमें ये मौके मिलते हैं, इसलिए यह बहुत अच्छा लगता है।’

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