सऊदी के मक्का मदीना में हज करने पहुंच रहे यात्रियों पर भीषण गर्मी कहर बरपा रहा है। सऊदी अरब के सरकारी टीवी ने बताया कि सोमवार को मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, अब तक भीषण गर्मी के कारण 35 पाकिस्तानी नागरिक सहित 900 से अधिक हज यात्रियों की मौत हो गई है।
35 पाकिस्तानी नागरिकों की मौत
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पाकिस्तानी अखबार डॉन के हवाले से बताया पाकिस्तान के हज मिशन के महानिदेशक अब्दुल वहाब सूमरो ने बुधवार को कहा कि 18 जून तक कुल 35 पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हुई है। डॉन के मुताबिक, मरने वालों में सबसे अधिक मिस्र के नागरिक शामिल हैं। सऊदी में मिस्र के 600, इंडोनेशिया के 144, भारत के 68, जॉर्डन के 60 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, सऊदी अरब ने आधिकारिक तौर पर मौतों का आंकड़ा जारी नहीं किया है।
सऊदी अरब ने लोगों को दी ये सलाह
सऊदी नेशनल सेंटर फॉर मेटेरोलॉजी के अनुसार, मंगलवार को मक्का और शहर के आसपास के पवित्र स्थलों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। शैतान को प्रतीकात्मक रूप से पत्थर मारने की कोशिश करते समय कुछ लोग बेहोश भी हुए।
हर साल बदलता है हज का मौसम
मालूम हो कि हज का मौसम हर साल इस्लामी कैलेंडर के अनुसार बदलता रहता है। हालांकि, यह इस साल जून में पड़ा, जो राज्य में सबसे गर्म महीनों में से एक है। भीषण गर्मी के बीच सऊदी अरब ने सोमवार को तीर्थयात्रियों को कुछ निश्चित समय के बीच ‘शैतान को पत्थर मारने’ की रस्म न करने की सलाह दी थी।
सऊदी अरब में एक राजनयिक ने बताया कि ‘हमने करीब 68 लोगों की मौत की पुष्टि की है… कुछ की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है और हमारे साथ कई बुजुर्ग तीर्थयात्री भी थे। कुछ की मौत मौसम की वजह से हुई है, ऐसा हमारा अनुमान है।’
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