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सोमवार यानी आज मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में रामनिवास रावत ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, उन्हें मंत्री पद की शपथ एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार लेनी पड़ी। दरअसल, पहली बार शपथ लेने के दौरान रावत के मुंह से गलती से राज्य मंत्री निकल गया। इसके कारण उन्हें दूसरी पर दोबोरा से शपथ मध्यप्रदेश राज्य के मंत्री बुलवाकर शपथ दिलवाई गई।

कौन हैं रामनिवास रावत?
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले 30 अप्रैल को रावत ने कांग्रेस से अलविदा कह भाजपा का दामन थाम लिया था। श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से छठी बार विधायक चुने गए रावत प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

मोहन यादव की कैबिनेट के 32वें मंत्री के रूप में रावत ने शपथ ली है। सोमवार सुबह रावत को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इससे पहले रावत ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वीकार कर लिया।

ग्वालियर-चंबल में पार्टी को मिली मजबूती
रावत के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही ग्वालियर-चंबल में पार्टी को बड़ी मजबूती मिली है। मुख्यमंत्री डाॅ.मोहन यादव ने रविवार शाम राजभवन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल से सौजन्य भेंट कर मंत्रिमंडल विस्तार की जानकारी दी थी।

रावत के अलावा मोहन यादव की कैबिनेट में दो और विधायकों को शामिल किए जाने के कयास लगाए जा रहे थे।ये दो विधायक कमलेश शाह और निर्मला सप्रे शामिल हैं। हालांकि, इनके नामों पर कोई फैसला नहीं हुआ। बता दें कि मंत्रिमंडल में अब भी 3 मंत्रियों की जगह खाली पड़ी है। फिलहाल 31 मंत्री हैं और अधिकतम 34 हो सकते हैं।

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