भाजपा के वरिष्ठ नेता और वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन पर ओबीसी आरक्षण का इस्तेमाल मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए करने का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल द्वारा सुप्रीम कोर्ट ने दिये हलफनामे में 77 ओबीसी जातियों में 75 मुस्लिम जातियां होने को उन्होंने इसका सबसे बड़ा उदाहरण बताया।
उनके अनुसार ओबीसी वोट के लिए ओबीसी गणना करने की मांग विपक्ष की कोरी राजनीति है, जबकि दुखद सच्चाई यह है कि विपक्ष द्वारा ओबीसी के हितों के साथ लगातार कुठाराघात किया जा रहा है।
‘ओबीसी आरक्षण कोई बेचारा और अनाथ आरक्षण नहीं’
भूपेंद्र यादव यादव ने साफ किया कि ओबीसी आरक्षण कोई बेचारा और अनाथ आरक्षण नहीं है, जिसका इस्तेमाल मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर ओबीसी जातियों की पहचान कर संविधान में उन्हें आरक्षण का अधिकार दिया है। लेकिन पश्चिम बंगाल में मुस्लिम जातियों को ओबीसी की सूची में उसी दिन शामिल कर लिया गया, जिस दिन उनका आवेदन आया था। इससे साफ है कि उनके पिछड़ेपन का पता लगाने के लिए कोई वैज्ञानिक सर्वे नहीं किया गया।
‘अल्पसंख्यक तुष्टीकरण किया जा रहा’
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ओबीसी आरक्षण तुष्टीकरण की राजनीति के लिए है। उन्होंने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी की बात करने वाले आइएनडीआइए में शामिल कांग्रेस की तेलंगाना सरकार, कर्नाटक सरकार और ममता बनर्जी की सरकार मुस्लिम आरक्षण को ही बढ़ाने के लिए ओबीसी समाज के असली हक को मार रही है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में हिंदू ओबीसी के अधिकारों को छीनकर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण किया जा रहा है और इसकी घोर ¨नदा होनी चाहिए। यादव ने कहा कि इन सरकार ने संविधान की भावनाओं के साथ जो खिलवाड़ किया है निश्चित रूप से जनता इसकी सजा देगी।
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