रुपए कमाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है कि बचत का निवेश सही तरीके से किया जाये ।
म्यूचुअल फंड्स वह रास्ता है जो शेयर बाजार के लाभ हम तक पहुंचाने में मदद करते हैं। मेन 3 तरह के होते हैं।
1) लिक्विड फंड
इस फंड को “बैंक के बचत खाते” जैसा कह सकते हैं, रिटर्न बचत खाते से करीब 2 – 3% बेहतर होता है।(स्टेट बैंक बचत खाते की वर्तमान ब्याज दर 2.7% सालाना है)
निवेश, 100% शासकीय बांड्स, कारपोरेट बांड, सेक्योरिटीज, इत्यादि में होता है, इसलिए निवेशित राशि कभी कम नहीं होती।
अपनी रकम कभी भी निकाल सकते।(दोपहर 12:30 से पहले प्रोसेस करने पर दूसरे दिन, निवेशक के खाते में पैसा आ जाता है, शनिवार रविवार छुट्टी रहती है)
जिस बचत खाते से निवेश होता है, रकम उसी खाते में वापस होती।(कैश लेन-देन नहीं होता)
2) डेट फंड
यह बैंक के फिक्स डिपाजिट जैसा होता है। रिटर्न करीब बैंक एफ डी ब्याज दर से 1-1.5% ज्यादा होता है (स्टेट बैंक फिक्स डिपॉजिट ब्याज दर 6.8% है, हर माह 10% इनकम टैक्स कटता है, निवेशक को 6.15% मिलता है)
राशि निकालने की प्रक्रिया लिक्विड फंड जैसे ही है अर्थात दूसरे दिन खाते में राशि आती है।
इस फंड में निवेश 90% गवर्नमेंट बांड, कोर्पोरेट बांड, सेक्योरिटीज में होता है, बाकी 10% अच्छे शेयरों में निवेश होता है इसलिए रिटर्न, “लिक्विड फंड से बेहतर मिलते हैं।”
3) इक्विटी फंड
“यह फंड निवेशकों को पैसा बना कर देता है।”
इसमें ज्यादातर निवेश मार्केट में होता है, जिससे बहुत अच्छे रिटर्न बनते हैं।
35 से 100 अच्छी कम्पनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है, यदि 4-5 कम्पनी के शेयरों में गिरावट होती है, तो बाकी कम्पनियों के शेयर, निवेशकों की रकम नीचे जाने नहीं देते।
पिछले 40 सालों के रिकार्ड देखें, तो 3 में 5 साल के लिए निवेश करने पर, कम से कम 18-20% रिटर्न मिलते हैं।
लम्बी अवधि के निवेश पर आश्चर्यजनक तरीके से, निवेश में वृद्धि होती है।
कोविड काल के निवेशकों की राशि , 1.5 – 2 साल में डबल से ज्यादा हो गई।
लक्ष्य आधारित निवेश बहुत ही लाभदायक होते हैं,
जैसे-
1) रिटायरमेंट प्लानिंग,
2) बच्चों की उच्च शिक्षा खर्च,
3) बच्चों की शादी का खर्च,
4) बड़ी गाड़ी खरीदना,
5) घर बनाना, आदि के लिए निवेश समय रहते करते रहना चाहिए।
रातों रात किसी चमत्कार की आशा नहीं करनी चाहिए और शेयर बाजार के झटकों से घबराकर निवेश रोकना नहीं चाहिए ।
“एस आई पी” द्वारा नियमित निवेश करें और रुककर जब लाभ हो तभी रूपये निकाले।
निवेश के एक साल के बाद, 1.25 लाख रुपए के फायदे पर कोई टैक्स नहीं लगता। इसलिए हर साल, सवा लाख निकाल कर नए फंड में निवेश करने से टैक्स में भी बचत होती है और अच्छे सेक्टर के नए फंड तेजी से बढ़ते हैं।
अरविंद कुमार गुप्ता
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