ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के समक्ष खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने पर एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। मीडिया मामलों के अधिकारी रिचर्ड चिन ने कहा कि पुलिस इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित उस वीडियो से अवगत है जिसमें कनाडा पुलिस का एक अधिकारी हाथ में खालिस्तान का झंडा थामे प्रदर्शन में भाग ले रहा है। वैसे यह पुलिस अधिकारी उस वक्त ड्यूटी पर नहीं था। इस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में जांच चल रही है।
निलंबित पुलिसकर्मी, जिसकी पहचान हरिंदर सोही के रूप में हुई है, कैमरे पर खालिस्तान का झंडा पकड़े हुए पकड़ा गया, जबकि विरोध प्रदर्शन में अन्य लोगों ने भारत विरोधी नारे लगाए। सोही पील क्षेत्रीय पुलिस के सार्जेंट थे।
अधिकारी रिचर्ड चिन ने सीबीसी को बताया कि पील क्षेत्रीय पुलिस ने कहा कि वे उस प्रसारित वीडियो से अवगत थे जिसमें एक ऑफ-ड्यूटी अधिकारी को सक्रिय रूप से प्रदर्शन में भाग लेते दिखाया गया था। इस अधिकारी को सामुदायिक सुरक्षा और पुलिसिंग अधिनियम के अनुसार निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि विभाग इस घटना से जुड़ी परिस्थितियों की जांच कर रहा है और जांच पूरी होने के बाद आगे की जानकारी साझा करेगा।
कनाडा के मंदिर में हिंदू श्रद्धालुओं पर खालिस्तान समर्थकों का हमला
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की ओर से ¨हदुओं और मंदिरों पर किए जाने वाले हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे। ताजा घटना रविवार को ब्रैम्पटन शहर में हुई। ¨हदू सभा मंदिर के समक्ष खालिस्तान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया जो कुछ ही समय बाद ¨हसक हो गया। प्रदर्शनकारी जबरन मंदिर में घुस गए और व्यवस्थापकों व श्रद्धालुओं पर हमला बोल दिया। उन्होंने महिलाओं व बच्चों को भी बेरहमी से पीटा। यही नहीं, उन्होंने मंदिर प्रशासन और भारतीय उच्चायोग की ओर से मिलकर लगाए गए वीजा शिविर को भी निशाना बनाया। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने घटना की ¨नदा करते हुए कहा कि मंदिर में ¨हसा अस्वीकार्य है। उधर, भारत ने घटना की कड़ी ¨नदा करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।जो वीडियो सामने आए, उनमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि मंदिर के सामने पहले खालिस्तान समर्थकों की टोली गाडि़यों से आईं। खालिस्तानी झंडों के साथ अलगाववादियों ने वहां एकत्रित श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की। पुलिस कर्मियों को बीच-बचाव करते देखा गया। पील क्षेत्रीय पुलिस ने कहा कि उसे ¨हदू सभा मंदिर के समक्ष विरोध प्रदर्शन की जानकारी थी।