जॉर्ज सोरोस को मिला अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, बाइडन के फैसले पर भड़के एलन मस्क; बोले- ये हास्यास्पद

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नई दिल्ली। जिस जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर भारत में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खिंची हुई हैं, उसे अमेरिका में सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसका एलान किया।
जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने यह मेडल स्वीकार किया। सोरोस के अलावा हिलेरी क्लिंटन समेत 19 लोगों के नाम का एलान किया गया था। वहीं बाइडन के फैसले पर अब एलन मस्क भड़क गए हैं। उन्होंने इसे हास्यास्पद करार दिया है।

सोरोस को मिला सम्मान
अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान को प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम कहते हैं। शनिवार को राष्ट्रपति बाइडन ने राजनीति, समाजसेवा, खेल और कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले 19 लोगों को सम्मानित किया।

अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन नामक संस्था चलाते हैं। व्हाइट हाउस के मुताबिक, उन्हें लोकतंत्र, मानवाधिकार, शिक्षा और सामाजिक न्याय को मजबूत करने वाली वैश्विक पहल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सम्मानित किया गया।

19 लोगों का था नाम
सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले लोगों की सूची में जॉर्ज सोरोस के अलावा पूर्व सेक्रेटरी ऑफ स्टेट हिलेरी क्लिंटन, फुटबॉलर लियोनेल मेसी और एक्टर माइकल जे फॉक्स के साथ डेंजल वॉशिंगटन समेत 19 लोगों का नाम शामिल था।
जॉर्ज सोरोस को डेमोक्रेटिक पार्टी के एक बड़े डोनर के रूप में जाना जाता है। रिपब्लिकन नेता अक्सर उनकी आलोचना करते हैं। एलन मस्क और रिपब्लिकन पार्टी के कई नेताओं ने बाइडन के इस फैसले को राजनीति के प्रेरित बताया है।

जॉर्ज सोरोस पर काफी विवाद
हालांकि बाइडन ने लिस्ट का यह कहकर बचाव कि इसमें शामिल सभी लोगोंने अमेरिका के मूल्यों और वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने में योगदान दिया है। रिपब्लिकन पार्टी लंबे समय से जॉर्ज सोरोस पर अपने धन का इस्तेमाल वैश्विक राजनीति को प्रभावित करने का आरोप लगाती रही है।
ये सभी 19 लोग महान लीडर हैं। इन्होंने देश और दुनिया में अपना असाधारण योगदान दिया है। इन्होंने अमेरिका के मूल्यों की रक्षा की है।

– जो बाइडन

भारत में भी हुआ था बवाल
जॉर्ज सोरोस का मुद्दा सिर्फ अमेरिका ही नहीं, भारत में भी काफी विवादास्पद है। संसद के शीत सत्र के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा कांग्रेस पर सोरोस और उनके संगठन से संबंध होने का आरोप लगाया था। नड्डा ने कहा था कि कांग्रेस भारत को अस्थिर करने के लिए विदेशी शक्तियों को टूल की तरह इस्तेमाल कर रही है।
हालांकि मल्लिकार्जुन खरगे ने इन आरोपों को आधारहीन बताया था। उनका कहना था कि भाजपा देश के सामाजिक और आर्थिक मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे आरोप लगा रही है। जॉर्ज सोरोस के मुद्दे की वजह से शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। सोरोस के फाउंडेशन पर रूस और हंगरी जैसे देशों में दखल देने का आरोप लगता रहा है।
Agencies

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