आजकल कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू पूरे देश में तेजी से फैल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार इस वर्ष आई फ्लू के मरीजों की संख्या में तेज वृद्धि हुई है। इस बार इनकी तादाद पिछले साल के मुकाबले 10 से 15 प्रतिशत अधिक है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में कुछ बुनियादी बातें और कैसे इस से बचा जा सकता हैः
1. कंजक्टिवाइटिस का कारण
यह एक वायरस जनित बीमारी है। यह ंज्यादातर एडिनो वायरस से होती है लेकिन कई बार हरपीस सिम्पलेक्स वायरस या वैरिसेला जोस्टर वायरस से भी होती है।
2. कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
जब वायरस आखों को संक्रमित करते है तो आंखों में लाली छाने लगती है। फिर धीरे-धीरे आंखों में खुजली होती है और पानी निकलता है। हलका बुखार और सिरदर्द भी हो सकता है। आंखों को तेज रोशनी चुभ सकती है।
3. वायरस कैसे फैलते हैं
जब संक्रमित आंखों की खुजली की जाती है या पानी को छुआ या साफ किया जाता है तो वायरस हाथों या रूमाल में लग जाता है। फिर जहां संक्रमित व्यक्ति हाथ या रूमाल रखता है वहां ये वायरस फैल जाता है और काफी समय तक बना रहता है। जब कोई अन्य व्यक्ति उस जगह को छूता है और फिर अपनी आंखों को छूता है तो वायरस उसकी आंखों में भी पहुंच जाता है।
4. बचाव कैसे करें
कंजक्टिवाइटिस से बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें
– यदि किसी को कंजक्टिवाइटिस हो गया हो तो वो घर से बाहर न निकले।
– घर में भी वो अपने कमरे में सीमित रहे, अनवाश्यक किसी वस्तु को न छुए क्योंकि अगर कोई परिजन उसके द्वारा छुई गई वस्तु या सतह को छूता है तो उसे भी बीमारी हो सकती है।
– बार बार प्रयोग की जाने वाली चीजें जैसे मोबाइल, लैपटॉप, चश्मा, रूमाल आदि बीमारी की वाहक हो सकती हैं, इन्हें जगह-जगह न रखें।
– अपने बिस्तर पर किसी अन्य व्यक्ति को न सोने दें। संभव हो तो चादर और तकिये के कवर को रोज धोएं।
– इस बीमारी के माहौल में यदि आपको बाहर जाना पड़ता है तो अन्य लोगों से अनावश्यक हैंडशेक न करें। अपने हाथों को बार-बार सेनिटाइज करते रहें।
– अगर कार्यालय में कोई संक्रमित व्यक्ति है तो उसे घर से ही काम करने के लिए कहें।
– आसपास जिस भी सतह के संक्रमित होने का अंदेशा हो उसे डिइनफैक्ट करें
– आई फ्लू होने पर आंखोें के डॉक्टर से अवश्य सलाह करें और उसके परामर्श के अनुसार ही दवा लें।
6. क्या काले चश्मे से बचाव संभव है?
कुछ लोग सोचते हैं कि काला चश्मा पहनने से ये बीमारी नहीं फैलती। जबकि वास्तविकता ये है कि काला चश्मा इसे नहीं रोक सकता। ये तो मुख्यतः स्पर्शजन्य बीमारी है। इसे रोकने का एकमात्र उपाय है संक्रमित वस्तुओं या सतहों को न छूना। हां! यदि तेज रोशनी आंखों में चुभ रही हो तो ये राहत अवश्य दे सकता है।
National International News Network (NIN Network)