राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार (22 जनवरी) को हो गई। इसी के साथ 500 साल के चले आ रहे संघर्षों के बाद अयोध्या में गर्भगृह में भगवान राम लला की मूर्ति स्थापित हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को भगवान राम की 51 इंच की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल रहे।
भगवान राम की इस मूर्ति को बनाने वाले मूर्तिकार का नाम अरुण योगीराज , जो मैसूर के रहने वाले हैं। प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा कि वह पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं। वह मानते हैं कि भगवान राम ने उन्हें इस कार्य के लिए चुना है।
भगवान राम ने मुझे इस शुभ कार्य के लिए चुना- योगीराज
योगीराज ने कहा, “मैंने हमेशा महसूस किया है कि भगवान राम मुझे और मेरे परिवार को हर बुरे समय से बचा रहे हैं और मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह वही हैं, जिन्होंने मुझे इस शुभ कार्य के लिए चुना है।”
मूर्ति पर काम करते हुए रातों की नींद हराम की- योगीराज
योगीराज अपने परिवार के पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं। वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित लोगों में से थे। उत्साहित योगीराज ने कहा, “मैंने मूर्ति पर काम करते हुए अपनी रातों की नींद हराम कर दी, लेकिन यह सब इसके लिए ही था। मुझे लगता है कि मैं पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं और आज मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन है।”
मूर्ति बनाने की कला पिता से सीखी
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “मैंने मूर्ति बनाने की कला अपने पिता से सीखी है। आज मेरी मूर्ति को यहां देखकर उन्हें बहुत गर्व होता।” हालांकि, योगीराज इस ऐतिहासिक घटना को व्यक्तिगत रूप साक्षी बने। मैसूरु में उनके परिवार ने इस समारोह को टीवी पर लाइव देखा।
योगीराज परिवार को मुश्किल से समय देते थे
वहीं, योगीराज की पत्नी विजेता ने कहा, “योगीराज ने कई रातों की नींद हराम की और राम लला की मूर्ति बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। ऐसे भी दिन थे जब हम मुश्किल से बात कर पाते थे, योगीराज परिवार को भी मुश्किल से समय देते थे। इन सबकी भरपाई अब इस बड़ी खबर से हो गई है।”
पत्थर का नुकीला हिस्सा आंख में चुभा
विजेता ने बताया कि पत्थर बहुत कठोर था, इतना कठोर कि पत्थर का छोटा नुकीला हिस्सा उनकी आंख में चुभ गया। इस पत्थर को ऑपरेशन के जरिए निकाला गया। योगीराज दर्द के बावजूद भी नहीं रुके और काम करते रहे।
अरुण योगीराज ने मैसूर विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई की है। पढ़ाई के बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी के एचआर विभाग में छह महीने तक ट्रेनिंग ली। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने हुए प्राइवेट कंपनी की नौकरी छोड़ दी और पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए मैसूरु लौट आया।
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh: Ram Lalla idol sculptor, Arun Yogiraj says "I feel I am the luckiest person on the earth now. The blessing of my ancestors, family members and Lord Ram Lalla has always been with me. Sometimes I feel like I am in a dream world…" pic.twitter.com/Eyzljgb7zN
— ANI (@ANI) January 22, 2024
Agencies