11 लाख रुपये खर्च कर गए थे घूमने, अब रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने को मजबूर हुए पंजाब के दो युवा; जानिए पूरा मामला

Punjab News पंजाब के दो युवक 11 लाख रुपए खर्च कर रूस गए थे। लेकिन एजेंट ने उन्हें बेलारूस भेज दिया। जब वे पकड़े गए तो उन्हें रूस के अधिकारियों को सौंप दिया गया। अब युवकों को यूक्रेन के खिलाफ जंग के लिए सेना में जबरन भर्ती कर लिया गया है। युवकों ने जब घर पर परिजनोंको अपनी व्यथा बताई तो परिजन बिलख उठे।

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गुरदासपुर। रूस गए युवकों को एजेंट ने धोखे से बेलारूस भेज दिया। वहां पकड़े जाने पर उन्हें रूसी अधिकारियों के हवाले कर दिया गया। रूसी अधिकारियों ने उन्हें जबरन सेना में भर्ती कर लिया और अब उन्हें यूक्रेन के खिलाफ जारी जंग में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है।

परिजनों ने केंद्र और पंजाब सरकार से लगाई बचाने की गुहार
इन युवकों के परिजनों ने केंद्र और पंजाब सरकार से उन्हें बचाने की गुहार लगाई है। जिले के सीमावर्ती कस्बा दीनानगर के गांव अवांखा निवासी रवनीत सिंह और गांव जंडे निवासी विक्रम सिंह 11 लाख रुपए खर्च कर रूस गए थे, लेकिन एजेंट धोखे से उन्हें बेलारूस ले गया।

रूस के टूरिस्ट वीजा के कारण उन्हें बेलारूस पुलिस ने पकड़ लिया और रूसी सेना के हवाले कर दिया। इसके बाद उन्हें जबरन रूसी सेना में शामिल कर लिया गया और अब यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने का दबाव डाला जा रहा है। दोनों के परिजनों ने केंद्र व पंजाब सरकार से उनके बच्चों को बचाने की गुहार लगाई है।

बेटे ने बताई आप बीती
पीड़ित रवनीत सिंह की बहन नवदीप कौर और मां कुलवंत कौर ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके बेटे का फोन आया था कि वे बेलारूस में पकड़े गए हैं और उन्हें जबरन रूस की सेना में शामिल कर लिया गया है। अब उन्हें जंग में यूक्रेन भेजने की तैयारी की जा रही है।

ट्विटर पर इसे लेकर पीड़ितों ने वीडियो भी डाला है, जिसमें बताया जा रहा है कि होशियारपुर के कुछ युवक भी वहां पर फंसे हुए हैं। इन युवकों ने वीडियो जारी कर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वीडियो में ये सभी लोग सेना की वर्दी पहने दिखाई दे रहे हैं।

उन्होंने रूस का 90 दिनों का वीजा लिया
इनमें से गगनदीप सिंह नामक युवक पूरी व्यथा बयान कर रहा है। उसके अनुसार वह साथियों के साथ 27 दिसंबर को नया साल मनाने के लिए रूस के लिए रवाना हुआ था। उन्होंने रूस का 90 दिनों का वीजा लिया था। वहां एक एजेंट ने उन्हें बेलारूस ले जाने की पेशकश की।

वे सभी बिना वीजा के बेलारूस चले गए क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि वहां का वीजा लेना पड़ता है। वहां उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया और रूसी अधिकारियों को सौंप दिया गया। रूसी अधिकारियों ने उनसे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करा लिए और अब उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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