मतगणना से पहले विपक्ष ने उठाया पोस्टल बैलेट पर सवाल तो चुनाव आयोग ने बता दिया पूरा कानून, जानें क्या कहा

लोकसभा चुनाव की काउंटिंग से पहले इंडिया गठबंधन और बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी। दोनों धड़ों की तरफ से अपनी मांग रखी गई थी। विपक्ष ने पोस्टल बैलेट की गिनती का मुद्दा रखा था। इस पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जवाब दिया।

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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में वोटों की गिनती शुरू होने में 24 घंटे से भी कम समय बचा है। वोटों की गिनती से पहले विपक्षी धड़े वाले इंडिया गठबंधन ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। इंडिया गठबंधन की तरफ से पोस्टल बैलेट की गिनती से जुड़ा मुद्दा चुनाव आयोग के समक्ष रखा गया। निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि 4 जून को ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (EVM) के नतीजों से पहले डाक मत पत्रों की गिनती कर उनके परिणाम घोषित किए जाएं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निर्वाचन आयोग को मतगणना प्रक्रिया पर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करना चाहिए और उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। इस पर चुनाव आयोग की तरफ से सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की तरफ से जवाब दिया गया।

पोस्टल बैलेट की गिनती पहले होगी
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि पोस्टल बैलेट की जो स्कीम है उसका रूल है 54ए जिसे 1954 में लाया गया था। उस समय में बहुत अधिक पोस्टल बैलेट नहीं होते थे। पोस्टल बैलेट में सीनियर सिटीजन नहीं, विक्लांग लोग शामिल नहीं थे। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ रही है। समग्र चुनाव के लिए यह जरूरी है कि हम इस सुविधा को बढ़ाएं। राजीव कुमार ने कहा कि पत्रकारों के लिए भी पोस्टल बैलेट की सुविधा दी गई। जरूरी सेवा वालों को भी पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में रूल है वो स्पष्ट रूप से कहता है कि पोस्टल बैलेट की गणना पहले होगी। इसलिए पूरे देश में सभी केंद्रों पर इसकी गणना पहले ही होगी। इस बारे में कोई शंका नहीं है। इसके आधे घंटे के बाद ईवीएम की काउंटिंग शुरू होगी। उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनाव में भी यही हुआ। उसके बाद हुए विधानसभा के चुनाव और यहां तक कि रविवार को अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के चुनाव में भी यही हुआ।

यह प्रक्रिया 70 साल से चल रही है
कुमार ने रविवार को आयोग से मुलाकात करने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया था और कहा था कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे सात दशकों से चली आ रही चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा हैं। कुमार ने कहा कि कुछ मांग बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई थीं। हमनें उनकी सभी मांगें मान लीं। उन्होंने संकेत दिया कि बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए अधिकांश मुद्दे चुनाव नियमावली का हिस्सा थे। कुमार ने कहा कि यह प्रक्रिया 70 सालों से चल रही है। हमने हर निर्वाचन अधिकारी/सहायक निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं। ये हमारे आदेश हैं और ये कोई मजाक नहीं है… सभी को हैंडबुक/नियमावली का पालन करने का निर्देश दिया गया है।

64.2 करोड़ लोगों ने वोट डाल बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने भारत ने लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। दुनिया की सबसे बड़ी मतदान प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल और डेढ़ करोड़ से अधिक मतदान तथा सुरक्षा कर्मी शामिल रहे। जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ- कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत वोटिंग हुई।

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