पटना हाई कोर्ट ने सुल्तानगंज-अगुवानी घाट के बीच निर्माणाधीन चार लेन के पुल के भरभरा कर गिरने के मामले को गंभीरता से लिया है।
न्यायालय ने निर्माता कंपनी (मेसर्स एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड) के एमडी को अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ 21 जून को कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
गंगा पर निर्माणाधीन इस पुल के एक वर्ष में दो बार गिरने पर न्यायालय ने आश्चर्य व्यक्त किया और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और समाज के हित में प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर राज्य सरकार एवं ठेकेदार के लचीले रवैये पर आपत्ति जताई है।
कोर्ट ने पुल निर्माता कंपनी को एक विस्तृत रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है। इसमें कंपनी को पुल की लंबाई डीपीआर, मिट्टी की गुणवत्ता रिपोर्ट समेत उपयोग में लाए गए सामान, पुल के डिजाइन, पुल को बनाने की पूरी लागत समेत अन्य विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
न्यायाधीश पूर्णेंदु सिंह की एकलपीठ ने बुधवार को ललन कुमार की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इतनी बड़ी लापरवाही एवं इस गंभीर अनियमितता पर राज्य सरकार से अगली सुनवाई तक कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है।
याचिकाकर्ता ने एसपी सिंगला कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए याचिका दायर की है। उल्लेखनीय है कि 1710 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह पुल 14 महीने में दो बार गिर चुका है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नागेंद्र कुमार सिंह एवं चंदन कुमार ने कोर्ट से इस पूरे मामले की जांच पटना हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में कराने की गुहार लगाई है।
इसके साथ ही राज्य सरकार से इस दुर्घटना में लापता प्राइवेट कंपनी के गार्ड के स्वजन को भी मुआवजा देने की मांग की गई है।
न्यायालय ने समाचार पत्रों में प्रकाशित आइआइटी रुड़की की उस रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया है, जिसमें पुल के डिजाइन में खामियां बताई जा रही हैं। मामले की अगली सुनवाई 21 जून को होगी।
Courtesy: प्रत्युष प्रताप, Jagran