बालिका सुधार गृह प्रकरण में जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अधीक्षिका ¨पकी समेत चार संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया, लेकिन बालिकाएं जिस प्रबंधक वीपी सिंह पर गंभीर आरोप लगा रही हैं उसके खिलाफ सिर्फ मुकदमा दर्ज कर इतिश्री कर ली है। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो में बालिकाएं प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगा रही हैं। वे कह रही हैं कि प्रबंधक छेड़छाड़ करता था, उन्हें निर्वस्त्र कर प्राइवेट पार्ट में मिर्च तक डाली जाती थी। कई अन्य गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पांडेय ने बताया कि 20 मई को वह, एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक और एसडीएम सदर कीर्तिराज सिंह बालिका सुधार गृह में निरीक्षण पर गए थे। इसी दौरान यहां पर छात्राओं ने आरोप लगाए कि शिक्षिका सही ढंग से नहीं पढ़ातीं। उनके साथ मारपीट करती हैं। रसोइया साफ सफाई नहीं रखता और गंदा खाना देता है।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि चार दिन पहले पांच बच्चियां बेहोश हो गई थीं। प्रबंधक और अधीक्षिका पिंकी द्वारा चुपचाप निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया था। उपचार के बाद उन्हें वापस बालिका सुधार गृह लाया गया। शुक्रवार रात इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हुआ जिसमें बागपत जिले की एक बालिका आरोप लगा रही है कि प्रबंधक अक्सर उसके और अन्य कई बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ करता है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अधीक्षिका समेत चार संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी
अश्लील शब्द बोलने के साथ ही उन्हें निर्वस्त्र कर प्राइवेट पार्ट में मिर्च तक डालता है। कई अन्य आरोप भी प्रबंधक पर लगाए जा रहे हैं। वीडियो प्रसारित होने के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पांडेय की तरफ से जनकपुरी थाने में अधीक्षिका पिंकी, प्रबंधक वीपी सिंह, रसोइया मूर्ति देवी, शिक्षिका लक्ष्मी देवी, हेल्पर रवि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। डीएम डा. दिनेश चंद के आदेश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अधीक्षिका समेत चार संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी। अधीक्षिका भी संविदा पर थी। एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि मामले की जांच सीओ रुचि गुप्ता को सौंपी गई है। प्रसारित वीडियो और सीसीटीवी की जांच के बाद मामले में धाराएं व आरोपितों के नाम बढ़ाए जाएंगे।
इसलिए रहती है मीडिया पर रोक
बालिका सुधार गृह में मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी है। यदि यहां पर निरीक्षण भी होता है तो अंदर मीडिया को नहीं जाने दिया जाता है। यह मामला 20 मई का है, लेकिन अधिकारी इसे दबाने का प्रयास कर रहे थे। अचानक शुक्रवार को प्रसारित हुए वीडियो से पूरा सच सामने आ गया। हालांकि दैनिक जागरण ऐसे किसी प्रसरित वीडियो की पुष्टि नहीं करता।
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