एक जिला एक उत्पाद में शामिल शजर पत्थर को जीआई टैग का प्रमाण पत्र मिल गया। लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मंत्री राकेश सचान ने केन हस्तशिल्प उत्थान समिति के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद सोनी व महामंत्री संकल्प शुक्ला को प्रमाण पत्र दिया।
एक जिला एक उत्पाद में शामिल जनपद का शजर उद्योग को जीआई टैग मिला है। अभी शजर से तरासे गए आभूषण व अन्य सामान की विदेश तक बिक्री होती है। बिचौलियों की वजह से व्यवसायियों को घाटा होता है, जीआई टैग मिलने के बाद कारोबारियों को सीधे लाभ मिलेगा।
ए ग्रेड श्रेणी का सबसे मजबूत और महंगा पत्थर
इससे जुड़े उद्यमी बताते हैं कि केन नदी में पाए जाने वाले शजर पत्थर की खोज लगभग 400 वर्ष पूर्व अरब से आए लोगों ने की थी। यह ए ग्रेड श्रेणी का सबसे मजबूत और महंगा पत्थर है, जिसमें पेड़-पौधों और प्राकृतिक छटाओं की सुंदर तस्वीरें स्वतः ही उभर आती हैं। शजर पत्थर को अपने वास्तविक रूप में लाने के लिए शजर शिल्पियों को कठोर परिश्रम करना पड़ता है।
शजर की अनोखी और बेहतरीन कारीगरी के लिए यहां के शिल्पकारों को कई बार राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जा चुका है। शजर व्यवसायी द्वारिका सोनी ने बताया कि लखनऊ के लोकभवन में जीआइ टैग का प्रमाण पत्र दिया गया है। अब इस उद्योग को नई उड़ान मिलेगी।
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