उत्तराखंड में वर्षा से दुश्वारियां बरकरार हैं। विशेषकर पिछले 24 घंटे में मूसलाधार वर्षा से जन-धन की भारी हानि हुई है। गढ़वाल मंडल में वर्षाजनित अलग-अलग हादसों में पांच तीर्थ यात्रियों समेत आठ लोग की जान चली गई, जबकि 14 घायल हुए। चमोली में बरसाती नाले में आए उफान के कारण पुल बहने से चीन सीमा से संपर्क टूट गया है। नेपाल सीमा से लगे कालापानी क्षेत्र में भूस्खलन से दर्जनों बकरियां मलबे में दब गईं।
भारी वर्षा के बीच पिछले तीन दिन में प्रदेश में 15 लोग की मौत हो चुकी है, जबकि तीन लापता हैं। प्रदेश में शुक्रवार से हो रही वर्षा का क्रम मंगलवार को भी जारी रहा। पिछले 24 घंटे में उत्तरकाशी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। यहां लगातार 22 घंटे तक हुई वर्षा से जनजीवन बेहाल हो गया।
तबाही के बीच हादसों में लोगों ने गंवाई जान
सोमवार देर शाम उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर गंगनानी में मध्य प्रदेश के तीर्थ यात्रियों का टेंपो ट्रैवलर और दो अन्य छोटे वाहन पहाड़ी से गिरे पत्थरों और मलबे के नीचे दब गए। हादसे में टेंपो ट्रेवलर में सवार महिला समेत चार तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई, 10 अन्य घायल हैं। तीर्थयात्री गंगोत्री दर्शन कर उत्तरकाशी लौट रहे थे।
भारी वर्षा से गंगोत्री हाईवे आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर अवरुद्ध हो गया। इस कारण बचाव दल हादसे के 11 घंटे बाद मंगलवार सुबह घटनास्थल पर पहुंच सका। 4,000 से अधिक कांवड़ यात्री और लगभग 500 चारधाम यात्री भी विभिन्न स्थानों पर 20 घंटे फंसे रहे। रुद्रप्रयाग में 1,000 और चमोली में लगभग 500 तीर्थयात्री फंसे हैं। उप सचिव विवेक कुमार जैन ने जिला प्रशासन को चारधाम यात्रा मार्ग पर विशेष सावधानी बरतते हुए परिस्थिति अनुसार यात्रा संचालन का निर्देश दिया है।
रुद्रप्रयाग जिले में उत्तर प्रदेश के दो तीर्थयात्री देर रात बाइक पर गुप्तकाशी से केदारनाथ जा रहे थे। गौरीकुंड हाईवे पर ब्यूंग गाड के पास उनकी बाइक पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आ गई। इसमें एक तीर्थयात्री की मौत हो गई, दूसरा घायल है। मंगलवार को देहरादून के कालसी में यूटिलिटी वाहन पर पहाड़ी से विशालकाय पत्थर गिर गया। इससे यूटिलिटी में सवार कल सिंह तोमर (58) निवासी कोठा तारली कालसी, राधा देवी (35) निवासी कोटा डिमऊ, किशन सिंह चौहान (52) निवासी कोटा डिमऊ की जान चली गई। चालक समेत तीन अन्य लोग घायल हैं।
छह जल विद्युत गृहों में उत्पादन ठप
भारी वर्षा के कारण नदियों में गाद आने से ढालीपुर, ढकरानी, छिबरो और खोदरी जलविद्युत गृह में लगातार तीसरे दिन उत्पादन ठप रहा। मंगलवार को इन परियोजनाओं के साथ व्यासी और कुल्हाल में भी उत्पादन नहीं हुआ।
आज भी आठ जिलों में स्कूल बंद
आज भी प्रदेश में भारी वर्षा के आसार हैं। इसे देखते हुए आठ जिलों पौड़ी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चंपावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में बुधवार को भी 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। घरों में घुसा पानी, सीएम सड़क पर उतरे पहाड़ में भूस्खलन परेशानी का सबब बना है तो मैदानी क्षेत्रों में जलभराव। देहरादून, हरिद्वार समेत अन्य मैदानी शहरों में मंगलवार को वर्षा का पानी घरों में घुस गया। कई जगह पेड़ गिर गए। हालात नियंत्रित करने के लिए देहरादून में खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सड़क पर उतरे और प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
कंचनगंगा में 10 मीटर बहा बदरीनाथ हाईवे
मंगलवार को भी चारधाम यात्रा मार्ग दिनभर बंद होते और खुलते रहे। इस कारण कई बार तीर्थ यात्रियों को रोकना पड़ा। कंचनगंगा में बदरीनाथ हाईवे का 10 मीटर हिस्सा बह गया। जिसे कुछ देर बाद मरम्मत कर यातायात सुचारू कराया गया।
चंपावत में पूर्णागिरि मार्ग नौ दिन से बंद है। वंदे भारत समेत दो ट्रेन रद्द वर्षा का असर रेल संचालन पर भी पड़ा है। मंगलवार को ओएचई पोल गिरने से देहरादून से चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस और उज्जैनी एक्सप्रेस रद्द करनी पड़ी। जबकि, पांच ट्रेनों का संचालन हरिद्वार और एक का डोईवाला से किया गया।
खतरे के निशान के करीब नदियों का जलस्तर
भारी वर्षा से नदी-नाले उफान पर हैं। गंगा समेत अधिकांश नदियों में जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। टिहरी झील का जलस्तर भी बढ़ा है। नदी किनारे रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। कोटद्वार में बरसाती नाला उफनाने से एक पुलिया और स्कूटी बह गई।
आज सभी जिलों में भारी वर्षा का रेड अलर्ट
देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में अगले कुछ दिन मौसम के तेवर तल्ख बने रहने का अनुमान है। बुधवार को पूरे प्रदेश में भारी बारिश के आसार हैं। सभी जिलों में कहीं-कहीं अत्यंत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और निचले क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका के चलते सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
नीती घाटी में पुल बहा, चीन सीमा से संपर्क टूटा
सीमांत जनपद चमोली की नीती घाटी में सोमवार को अतिवृष्टि से उफनाया बरसाती नाला मलारी हाईवे पर बना आरसीसी पुल बहा ले गया। इससे चीन सीमा के साथ सीमांत क्षेत्र में बसे द्रोणागिरी, जेलम, कागा, गरपक, मलारी, कोषा, कैलाशपुर, फरक्या, बम्पा, गमसाली, नीती आदि गांवों से संपर्क टूट गया। बीआरओ वैकल्पिक रास्ता बनाने में जुटी है। गंदले में उरेडा के लघु बिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा है। पिथौरागढ़ जिले में भी चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग जगह-जगह बंद है। उत्तरकाशी में दो पुल बह गए।
50 से अधिक गांवों में संचार सेवा ठप
हल्द्वानी। कुमाऊं में सोमवार रात से हो रही वर्षा ने सीमांत पिथौरागढ़ जिले में सर्वाधिक तबाही मचाई। एनएचपीसी की धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के बांध का पानी छोड़े जाने से काली नदी उफना गई। इससे धारचूला के खोतिला में दो मकान नदी में समा गए। नदी किनारे स्थित श्मशान, कब्रिस्तान और एक गौशाला भी बह गई। खोतिला के परिवार मकान छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर भागे। गांवों का संपर्क भी टूट गया है।
डीएम रीना के जज्बे को सब कर रहे सलाम
डीएम रीना जोशी ने मौके पर पहुंचकर 15 परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया है। नेपाल व चीन सीमा पर स्थित कालापानी में रात में उफान पर आए नाले के मलबे में पांच परिवारों की दर्जनों बकरियां दब गई। ग्रामीण बाल-बाल बचे। गुंजी-आदि कैलास मार्ग पर नाबी गांव में नाले के उफान से नपलच्यु गांव में एक पुल बह गया।
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