नई दिल्ली: यमुना में सीवर का गंदा पानी जाने से रोकने और पानी को ट्रीट करने के लिए ओखला, कोंडली और रिठाला में जो वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बन रहे हैं, उनका काम लगभग पूरा हो चुका है। ओखला में बनने वाले वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम अगले महीने तक पूरा हो जाएगा। अक्टूबर में ही इस प्लांट को चालू करने का प्लान है। रिठाला वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी पूरा हो चुका है, लेकिन यह चालू नहीं है। कोंडली में बनने वाला वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह से अब चालू हो चुका है।
22 ड्रेन की गंदगी सीधे यमुना में जाती है
जलबोर्ड अफसरों के अनुसार दिल्ली में कुल 22 ड्रेन ऐसे हैं, जिनका गंदा पानी सीधे यमुना में जाता है। इससे यमुना का पानी प्रदूषित हो रहा है। 22 ड्रेन में से कुछ ऐसे ड्रेन भी हैं जिनसे सबसे ज्यादा गंदा यमुना में जाता है। इनमें आईएसबीटी ड्रेन से रोजाना करीब 35 एमएलडी, दिल्ली गेट ड्रेन से 90 एमएलडी, सेन नर्सिंग होम ड्रेन से 68 एमएलडी, बारापुला ड्रेन से 140 एमएलडी और शाहदरा ड्रेन से करीब 500 एमएलडी सीवेज वॉटर यमुना में जा रहा है। इन सभी ड्रेन को ट्रैप कर पानी ट्रीट करने के लिए ओखला, कोंडली और रिठाला में वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का प्लान बनाया गया। तीनों प्लांट का काम लगभग पूरा हो चुका है। कोंडली में बनने वाला 45 एमजीडी का प्लांट फंक्शनल भी हो चुका है और करीब 20-22 एमजीडी पानी ट्रैप कर उसे ट्रीट भी किया जा रहा है।
रिठाला का प्लांट भी अगले महीने होगा चालू
रिठाला में 70 एमजीडी क्षमता का जो वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बन रहा है, उसका काम भी पूरा हो चुका है। इस इलाके से जितने भी ड्रेन से यमुना में गंदा पानी जाता है, उसे ट्रैप भी कर दिया गया है। लेकिन, यह प्लांट अभी फंक्शनल नहीं हुआ है। अगले महीने तक फंक्शनल होगा और पानी को ट्रीट करना शुरू किया जाएगा। ओखला में सबसे अधिक 124 एमजीडी (786 एमएलडी) क्षमता का वेस्ट वॉटर प्लांट बनाया जा रहा है। प्लांट बनाने का काम अक्टूबर तक पूरा होगा। अक्टूबर में ही इस प्लांट को फंक्शनल करने का भी प्लान है। इस प्लांट के फंक्शनल होने के बाद साउथ और साउथ-ईस्ट जिले में स्थित जिस ड्रेन से सीवेज वॉटर यमुना में जाता है, उसे ट्रैप कर ट्रीट करना आसान हो जाएगा।
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