एक बार फिर चीन दुनियाभर में चिंता का विषय बना हुआ है। बीते कुछ दिनों से यहां एक नया वायरस HMPV (HMPV Virus Bangalore) आतंक मचा रहा है। इस वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कई देश सावधानी बरत रहे हैं। इसी बीच भारत में इसे लेकर चिंता की खबर सामने आई है। दरअसल, देश में इस वायरस ( India HMPV virus) के दो मामले सामने आ चुके हैं। इस बारे में खुद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने पुष्टि की है।
देश के इस वायरस के मामले के सामने आते ही सरकार अलर्ट मोड पर आ चुकी है। साथ ही इसे लेकर गाइडलाइंस भी जारी की जा चुकी है। यह वायरस बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है, क्योंकि चीन में भी यह बच्चों को ही अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे क्या HMPV की ही तरह खतरनाक हो सकता है और क्या यह देश के लिए एक खतरा साबित हो सकता है।
कर्नाटक में मिले HMPV के दो मामले
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कर्नाटक (Bengaluru baby HMPV case) में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामलों की पुष्टि की है। इस बारे में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि देश भर में रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए ICMR के चल रहे रूटीन चेकअप में इन मामलों का पता चला है।
The Indian Council of Medical Research (ICMR) has detected two cases of Human Metapneumovirus (HMPV) in Karnataka. Both cases were identified through routine surveillance for multiple respiratory viral pathogens, as part of ICMR’s ongoing efforts to monitor respiratory illnesses… pic.twitter.com/PtKYmgztKb
— ANI (@ANI) January 6, 2025
क्या है HMPV वायरस?
NIIMS मेडिकल कॉलेज, ग्रेटर नोएडा में एमडी (रेस्पिरेटरी मेडिसिन), कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रेनू सोनी ने बताया कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों और एयरवेज को प्रभावित करता है। इस वायरस की पहचान पहली बार साल 2001 में की गई थी।
यह रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का एक प्रमुख कारण है, जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को अपना शिकार बनाता है। यह वायरस सामान्य सर्दी जैसे लक्षणों से लेकर ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर रेस्पिरेटरी कंडीशन तक कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है।
क्या यह कोई नया वायरस है?
HMPV कोई नया वायरस नहीं है। जैसाकि डॉक्टर ने बताया और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) भी बता चुका है कि इसकी खोज पहली बार साल 2001 में नीदरलैंड्स में हुई थी। यह वायरस न्यूमोविरिडे फैमिली से आता है, जिसका एक सदस्य RSV भी है।
कोविड-19 के कैसे समान है HMPV?
चीन में फैले इस वायरस को COVID-19 जितना ही खतरनाक माना जा रहा है। भले ही ये दोनों वायरस अलग-अलग वायरल परिवारों से संबंधित हैं, लेकिन इनमें कई सारी समानताएं हैं, जिनकी वजह से HMPV को खतरनाक माना जा रहा है-
रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारी- दोनों वायरस मुख्य रूप से रेस्पिरेटरी सिस्टम को टारगेट करते हैं, जिससे हल्का या गंभीर इन्फेक्शन हो सकता है।
ट्रांसमिशन- कोविड-19 की ही तरह HMPV भी रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स और दूषित सतहों के संपर्क में आने से फैल सकता है।
लक्षण- कोविड-19 और HMPV के लक्षण काफी हद तक समान है, जिसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ आदि शामिल हैं।
किन्हें ज्यादा खतरा- बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को कोविड-19 की तरह HMPV का ज्यादा खतरा रहता है।
बचाव के तरीके- साफ-सफाई का ध्यान रखना, बार-बार हाथ धोना, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों को फॉलो कर इन वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।
क्या HMPV के लिए वैक्सीन मौजूद है?
भले ही HMPV और कोविड के बीच कई समानताएं हैं, लेकिन बात करें वैक्सीन की, तो इस मामले में दोनों में काफी अंतर है। मौजूद समय में कोविड-19 के लिए प्रभावी वैक्सीन मौजूद हैं, लेकिन HMPV के लिए वर्तमान में कोई टीका उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, HMPV के लिए एंटीवायरल ट्रीटमेंट भी सीमित हैं।
Agencies