इसी साल 14 जुलाई को अजमेर 92 रिलीज होनी है। मुस्लिम संगठन इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं। यह फिल्म 90 के दशक में राजस्थान के अजमेर में 100 से अधिक लड़कियों की ब्लैकमेलिंग और रेप की घटना पर आधारित है। देश के इस सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल में मुख्य भूमिका अजमेर दरगाह के खादिमों के परिवार से जुड़े लोगों की थी। उस समय भी इस मामले पर लीपापोती की कोशिश हुई थी। इस स्कैंडल पर लिखने वाले पत्रकार की हत्या तक कर दी गई थी।
इस पत्रकार का नाम मदन सिंह था। मदन सिंह पर पहले सड़क पर हमला हुआ। इसमें वे जान बचाने में सफल रहे। इसके बाद अस्पताल में घुसकर उनकी हत्या कर दी गई थी। यह हत्याकांड इसी साल जनवरी में भी चर्चा में आया था। 7 जनवरी 2023 को पुष्कर के बांसेली गाँव स्थित एक रिसॉर्ट में एक हिस्ट्रीशीटर को गोलियों से भून दिया गया था। इस घंटना के आरोपित सूर्य प्रताप सिंह और धर्म प्रताप सिंह हैं। दोनों उसी पत्रकार मदन सिंह के बेटे हैं जिनकी सितंबर 1992 में हत्या की गई थी। हिस्ट्रीशीटर को मार गिराने के बाद कथित तौर पर इन्होंने मौके पर पिता का बदला लेने की बात चिल्लाकर कही भी थी।
कैसे हुई पत्रकार मदन सिंह की हत्या
अजमेर में चल रहे सेक्स स्कैंडल का खुलासा 1992 में स्थानीय अखबारों ने ही किया था। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार मदन सिंह एक स्थानीय अखबार ‘लहरों की बरखा’ के संपादक थे। इस अखबार ने सेक्स स्कैंडल पर सीरिज छापनी शुरू की थी। इससे कई सफेदपोश बेनकाब हो रहे थे। मदन सिंह को धमकी मिल रही थी। वे सेक्स स्कैंडल पर 76 किस्त प्रकाशित कर चुके थे। उनकी पत्नी आशा कंवर के मुताबिक 4 सितंबर 1992 को वे एक और किस्त प्रकाशित कर कुछ बड़े नामों का खुलासा करने वाले थे। लेकिन उसी दिन उन पर हमला हो गया।
मदन सिंह स्कूटर में पेट्रोल भरवाने घर से निकले थे। रास्ते में एंबेसडर में सवार लोगों ने उन पर फायरिंग की। वे गंभीर रूप से घायल हो गए। पास के एक नाले में छलांग लगाकर जान बचाई। इसके बाद उन्हें अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन 11 सितंबर को अस्पताल के वार्ड में कुछ लोगों ने घुसकर उन्हें गोली मार दी।
मदन सिंह की माँ के बयान के आधार पर कॉन्ग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल, सवाई सिंह, नरेन्द्र सिंह सहित अन्य लाेगाें के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। लेकिन साल 2012 में अदालत ने सभी को बरी कर दिया।
30 साल बाद पत्रकार के बेटों का बदला
पुष्कर के बांसेली गाँव का एक रिसॉर्ट 7 जनवरी 2023 के दिन अचानक गोलियों से गूँज उठा। हिस्ट्रीशीटर और पूर्व पार्षद सवाई सिंह की हत्या कर दी गई। फायरिंग थमने के बाद एक आवाज गूँजी- हमने बाप की मौत का बदला ले लिया। फायरिंग करने वालों की पहचान सूर्य प्रताप सिंह और धर्म प्रताप सिंह के तौर पर हुई। मदन सिंह की हत्या में सवाई सिंह भी आरोपित था। इसके बाद दोनों हत्या के कनेक्शन जुड़ते गए। इस हत्या को अंजाम देने से पहले भी एक बार मदन सिंह के बेटों ने सवाई और जयपाल पर फायरिंग की थी। लेकिन, उस समय दोनों बच गए थे।
क्या है अजमेर सेक्स कांड
अजमेर में 100 से ज्यादा लड़कियों को फँसा कर रेप किया गया था। अश्लील तस्वीरों से ब्लैकमेल कर उनसे कहा गया कि वे अन्य लड़की को फँसा कर लाए। इस तरह से पूरा रेप चेन सिस्टम बनाया गया था। फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती- इस कांड के मुख्य आरोपित थे। तीनों ही यूथ कॉन्ग्रेस के लीडर थे। फारूक उस समय इंडियन यूथ कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का अध्यक्ष था। नफीस चिश्ती कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का उपाध्यक्ष था। अनवर चिश्ती अजमेर में पार्टी का ज्वाइंट सेक्रेटरी था। साथ ही तीनों अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी थे। इस तरह से उनके पास राजनैतिक और मजहबी, दोनों ही ताकत थी।
बताया जाता है कि आरोपितों ने सबसे पहले एक बिजनेसमैन के बेटे के साथ कुकर्म कर उसकी अश्लील तस्वीर उतारी और उसे अपनी गर्लफ्रेंड को लाने के लिए मजबूर किया। उसकी गर्लफ्रेंड से रेप के बाद उसकी अश्लील तस्वीरें निकाल ली और लड़की को अपनी सहेलियों को लाने के लिए कहा गया। फिर यह सिलसिला ही चल पड़ा। एक के बाद एक लड़की के साथ रेप करना, न्यूड तस्वीरें लेना, ब्लैकमेल कर उसकी भी बहन/ सहेलियों को लाने के लिए कहना और उन लड़कियों के साथ भी यही घृणित कृत्य करना- इस चेन सिस्टम में 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ भी शर्मनाक कृत्य किया।
उस जमाने में आज की तरह डिजिटल कैमरे नहीं थे। रील वाले थे। फोटो निकालने के लिए जिस स्टूडियो में दिया गया, वह भी चिश्ती का दोस्त और मुस्लिम समुदाय का ही था। उसने भी एक्स्ट्रा कॉपी निकाल लड़कियों का शोषण किया। ये भी कहा जाता है कि स्कूल की इन लड़कियों के साथ रेप करने में नेता और सरकारी अधिकारी भी शामिल थे। आगे चलकर ब्लैकमैलिंग में और भी लोग जुड़ते गए।
Courtesy: OpIndia