अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) के एक बयान ने भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। ओबामा ने भारत पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया था, जिस पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पलटवार करते हुए कहा कि ओबामा ने अपने कार्यकाल में छह मुस्लिम बहुल देशों पर बम गिराए थे। वे यह क्यों भूल जाते हैं कि अगर सच में ऐसा होता तो दुनिया के छह इस्लामिक देश पीएम को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान नहीं देते।
ओबामा ने किन देशों पर गिराए बम
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सीरिया, लीबिया, यमन और इराक पर 26 हजार से अधिक बम गिरवाए थे। सीतारमण के बयान की पुष्टि ‘द गार्डियन’ ने भी की है।
लंबे समय तक युद्ध में शामिल रहने वाले एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति
‘द गार्डियन’ में लिखे अपने लेख में मेडिया बेंजामिन (Medea Benjamin) ने कहा, अधिकांश अमेरिकियों को शायद यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिस राष्ट्रपति को उन्होंने एक अनिच्छुक योद्धा बताया था, वह वास्तव में एक बाज निकला। ओबामा जॉर्ज डब्ल्यू बुश के युद्धों को समाप्त करने का वादा करके राष्ट्रपति बने थे, लेकिन उन्होंने अमेरिकी इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति की तुलना में लंबे समय तक युद्ध में रहने के बाद व्हाइट हाउस छोड़ा। वह युद्ध में दो पूर्ण कार्यकाल तक सेवा करने वाले एकमात्र राष्ट्रपति थे।
2016 में ओबामा ने गिराए 26 हजार से अधिक बम
- काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन के मीका जेंको ने हवाई हमलों पर रक्षा विभाग के डेटा को जोड़ा और एक चौंकाने वाला खुलासा किया।
- उन्होंने बताया कि ओबामा प्रशासन ने अकेले 2016 में 26 हजार 171 बम गिराए। इसका मतलब यह है कि पिछले साल हर दिन अमेरिकी सेना ने 72 बमों से विदेशों में लड़ाकों या नागरिकों को उड़ा दिया। यानी हर घंटे तीन बम गिराए।
- इनमें से अधिकतर हवाई हमले जहां सीरिया और इराक में थे, वहीं अफगानिस्तान, लीबिया, यमन, सोमालिया और पाकिस्तान में भी लोगों पर अमेरिकी बम बरस रहे थे। ये सभी मुस्लिम बहुसंख्यक देश हैं।
ओबामा ने बुश से 10 गुना अधिक ड्रोन हमले किए
एक बमबारी तकनीक, जिसकी ओबामा ने वकालत की, वह है ड्रोन हमला। ड्रोन-योद्धा-प्रमुख के रूप में उन्होंने ड्रोन के उपयोग को अफगानिस्तान और इराक के घोषित युद्धक्षेत्रों के बाहर मुख्य रूप से पाकिस्तान और यमन तक फैलाया। ओबामा ने जॉर्ज डब्ल्यू बुश की तुलना में 10 गुना अधिक ड्रोन हमले किए और स्वचालित रूप से इन क्षेत्रों में सैन्य उम्र के सभी पुरुषों को लड़ाकों के रूप में चित्रित किया, जिससे उन्हें रिमोट से नियंत्रित हत्या के लिए उचित खेल मिल गया।
अमेरिका का दावा, ड्रोन हमले में 116 नागरिकों की हुई मौत
जुलाई 2016 में अमेरिकी सरकार ने बेतुका दावा किया कि उसने 2009 और 2015 के बीच पाकिस्तान, यमन, सोमालिया और लीबिया में अधिकतम 116 नागरिकों को मार डाला था। पत्रकारों और मानवाधिकार अधिवक्ताओं ने कहा कि संख्या हास्यास्पद रूप से कम और अप्राप्य है, क्योंकि कोई नाम, तारीख, स्थान या अन्य विवरण जारी नहीं किया गया था।
लंदन स्थित ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म, जिसने वर्षों से ड्रोन हमलों पर नज़र रखी है, ने कहा कि वास्तविक आंकड़ा छह गुना अधिक था। यह देखते हुए कि पिछले आठ वर्षों में गिराए गए हथियारों में ड्रोन का योगदान केवल एक छोटा-सा हिस्सा है। ओबामा के बमों से मारे गए नागरिकों की संख्या हजारों में हो सकती है।
आइए जानते हैं कि ओबामा ने अपने कार्यकाल के दौरान कब-कब दूसरे देशों पर बम गिराए…
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना लंबे समय तक मौजूद रही। जब ओबामा ने राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला तो उन्होंने अपने पूर्ववर्तियों की तरह अफगानिस्तान में संदिग्ध ठिकानों पर हवाई हमले का आदेश दिया। इस दौरान मानवयुक्त विमान और मानवरहित ड्रोन दोनों का उपयोग किया गया।
पाकिस्तान
ओबामा के कार्यकाल में पाकिस्तान पर भी बम बरसाए गए। अमेरिकी ड्रोनों ने आतंकवादियों को निशाना बनाया। उन्होंने संदिग्ध तालिबानी चौकियों की बजाय नागरिकों पर हमला किया।
लीबिया
मार्च 2011 में ओबामा ने लीबिया पर हवाई हवाई करने की घोषणा की। यह हमला लीबिया के नेता मुअम्मर गद्दाफी की मौत के साथ समाप्त हुआ। इसके बाद लीबिया में सुरक्षा स्थिति खराब हो गई और 2012 में बेंगाजी में अमेरिकी परिसर पर हमले के दौरान चार नागरिकों की मौत हो गई।
यमन
अरब प्रायद्वीप में अलकायदा के खतरों को देखते हुए ओबामा ने यमन में ड्रोन हमले करने का आदेश दिया, जिससे सैकड़ों आतंकी मारे गए। कई आम नागरिकों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी।
इराक
ओबामा ने मानवीय संकट और अमेरिकी हितों के लिए संभावित खतरों का हवाला देते हुए इराक में हवाई हमले शुरू करने का आदेश दिया था। ऐसा करने वाले वे लगातार चौथे राष्ट्रपति बने थे। आईएसआईएस लड़ाकों द्वारा बड़े पैमाने पर जमीन पर कब्जा करने के चलते इराकी सरकार ने इसका स्वागत भी किया।
सीरिया
ओबामा ने गृहयुद्ध से जूझ रहे सीरिया पर भी हवाई हमला करने का आदेश दिया था। उस समय सीरिया आईएसआईएस और अलकायदा की शाखा खुरासान के आतंक का सामना कर रहा था। इसके पहले भी 2013 में सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद द्वारा नागरिकों पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने के बाद ओबामा वहां हवाई हमला करने वाले थे, लेकिन कांग्रेस के पीछे हटने के चलते उन्हें अपना इरादा बदलना पड़ा था।
इसके अलावा, ओबामा ने सोमालिया पर भी हमला किया। वहां हमला करने का मकसद अल शबाब से जुड़े आतंकियों को खत्म करना था। ड्रोन हमले में अल शबाब के नेता अहमद गोदाने को मारने में अमेरिका को कामयाबी मिली थी।
बराक ओबामा ने भारत को लेकर क्या बयान दिया था?
बराक ओबामा ने एक इंटरव्यू में भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा;
हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात करना जरूरी है। अगर मेरी पीएम मोदी से बात होती तो मेरा तर्क होता कि अगर आप अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा नहीं करते हैं तो मुमकिन है कि भविष्य में भारत में विभाजन बढ़े, जोकि भारत के हितों के विपरीत होगा।